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प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत जिले में 34 थ्रेसिंग फ्लोर का किया जाएगा निर्माण

किसानों को उपज सूखाने के लिए स्वच्छ व विश्वसनीय स्थान प्रदान करने के साथ-साथ अनाज की गुणवत्ता व बाजार मूल्य को बढ़ाने के उद्देश्य से पक्का थ्रेसिंग फ्लोर निर्माण पर अनुदान मिलेगा कृषि विभाग ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत जिले में 34 थ्रेसिंग फ्लोर का लक्ष्य निर्धारित किया हैं बताया गया हैं कि इसके निर्माण पर अनुमानित लागत 126200 रुपया प्राककलित हैं इसके वास्तविक लागत का 50 फीसदी अधिकतम 50 हजार रुपये अनुदान देय होगा शेष राशि लाभुक किसान स्वयं वहन कर निर्माण कार्य पूर्ण करेंगे

चयनित किसानों के आवेदन का सत्यापन सबंधित कृषि समन्वयक करेंगे बीएओ के माध्यम से जांचोपरांत आवेदन डीएओ को भेजा जायेगा डीएओ कार्यादेश व स्वीकृति पत्र निर्गत करेंगे कार्यादेश व स्वीकृति पत्र के साथ आवेदन संबंधित जिला के सहायक निदेशक (कृषि अभियंत्रण) एसडीएओ बीएओ व समन्यवक को भेजा जायेगा सहायक

निदेशक आवेदक के मापी पुस्तिका पर काम करेंगे व समन्वयक आवेदक द्वारा किये गए कार्य की समीक्षा करते हुए रिपोर्ट अपलोड करेंगे सहायक निदेशक समन्वयक की जांच रिपोर्ट व एमबी को आवेदन में अपलोड करते हुए डीएओ को स्वीकृति के लिए अनुशंसा करेंगे फिर डीएओ लाभुक को डीबीटी के माध्यम से अनुदान राशि अंतरण करेंगे

5 अगस्त तक किसान कर सकेंगे आवेदन इस योजना से लाभान्वित होने के लिए किसानों को पहले कृषि विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा फिर उक्त योजना के लाभ के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा बताया गया हैं कि आवेदन के साथ जमीन संबंधित कागजात यथा एलपीसी, जमाबंदी लगान रसीद की एक प्रति अपलोड करना अनिवार्य होगा इसके लिए 5 अगस्त तक आवेदन किया जायेगा 8 अगस्त को मुख्यालय स्तर पर लॉटरी फिर 9 से 18 अगस्त तक सत्यापन होगा वहीं अंतिम रूप से चयनित किसानों को 22

अगस्त को कार्यादेश निर्गत किया जायेगा थ्रेसिंग फ्लोर निर्माण का लक्ष्य निर्धारित विभागीय स्तर से जिले में थ्रेसिंग फ्लोर निर्माण का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया हैं कुल 34 थ्रेसिंग फ्लोर का निर्माण होना हैं जिसमें सामान्य वर्ग के लिए 26 तो अनुसूचित जाति वर्ग के लिए सात व जनजाति वर्ग के लिए एक लक्ष्य निर्धारित हैं विभाग ने स्पष्ट किया हैं कि अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित प्रतिशत का शत- प्रतिशत उपलब्धि अनिवार्य रूप से किया जाना हैं