बिहार में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने राज्य के सभी अंचल अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए कहा है कि राजस्व महा-अभियान के दौरान पंचायत स्तर पर लग रहे शिविरों में किसी भी रैयत का आवेदन किसी भी आधार पर अस्वीकार नहीं किया जाएगा। रैयत जो भी आवेदन देंगे उसे हर हाल में स्वीकार किया जाएगा और उसकी तत्काल इंट्री कर ली जाएगी।

अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि कई रैयतों से यह शिकायत प्राप्त हो रही है कि छूटी हुई जमाबंदी ऑनलाइन करने, नामांतरण या सुधार के लिए दिए जा रहे आवेदन को शिविरकर्मी यह कहकर नहीं ले रहे हैं कि उनकी जमाबंदी क्षतिग्रस्त है, पुनर्गठन का आदेश नहीं है अथवा जमीन गैर मजरूआ या बकास्त मालिक की श्रेणी में आती है। विभाग ने इस पर नाराजगी जताई है।
अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिया है कि शिविरों में आने वाले प्रत्येक रैयत का आवेदन बिना किसी आपत्ति के स्वीकार किया जाए। आवेदन लेने के दौरान किसी तरह की छानबीन नहीं की जाएगी। यदि किसी मामले में दस्तावेजों की कमी पाई जाती है या भूमि सुधार उप समाहर्ता अथवा अन्य राजस्व न्यायालय में वाद दायर करना आवश्यक होता है, तो उसकी प्रक्रिया निष्पादन चरण में की जाएगी।

उन्होंने कहा कि शिविरों में आवेदन लेने के दौरान प्राथमिक छानबीन करना या आवेदन लेने से मना करना लोगों में भ्रांति और असंतोष उत्पन्न करेगा। इसलिए सभी अंचलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि अपने क्षेत्र के शिविरों में इसका सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित कराएं। सभी शिविर प्रभारियों तथा कर्मियों को इस आदेश से तत्काल अवगत कराते हुए सभी आवेदन स्वीकार कराएं।