Tue. Aug 19th, 2025

सीतामढ़ी नगर निगम ने 2025-26 में 7 करोड़ रुपये राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा है। अप्रैल-जुलाई में 2.34 करोड़ वसूले गए। सितंबर तक बिना ब्याज कर जमा करें, अक्टूबर से 1.5% ब्याज लगेगा। 

नगर निगम ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में कुल 7 करोड़ रुपये का राजस्व वसूली लक्ष्य तय किया है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए निगम प्रशासन ने संपत्ति कर और अन्य नगर करों की वसूली हेतु चरणबद्ध योजना लागू की है। निगम का कहना है कि समय पर कर जमा करने से उपभोक्ता न केवल ब्याज और दंड से बच सकते हैं, बल्कि पहले तिमाही में दी गई छूट का लाभ भी बड़ी संख्या में लोगों ने उठाया है।

स्पैरो सॉफ्टेक प्राइवेट लिमिटेड के प्रोजेक्ट मैनेजर चंदन प्रकाश ने जानकारी दी कि अप्रैल से जुलाई 2025 के बीच 2 करोड़ 34 लाख 47 हजार 210 रुपये की वसूली की गई है। यह निर्धारित वार्षिक लक्ष्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। पहले तीन माह-अप्रैल, मई और जून में करदाताओं को 5 प्रतिशत की छूट दी गई थी, जिसके चलते कर वसूली में तेजी आई। समय पर टैक्स जमा करने वाले उपभोक्ताओं ने इस छूट से सीधा लाभ लिया।

जुलाई-सितंबर तक ब्याज और दंड से छूट


निगम प्रशासन ने बताया कि जुलाई, अगस्त और सितंबर माह में करदाता बिना किसी अतिरिक्त ब्याज और दंड के अपना टैक्स जमा कर सकते हैं। यह अवधि करदाताओं के लिए एक सुनहरा अवसर है, जिसमें वे बिना अतिरिक्त आर्थिक बोझ के अपने बकाया का निपटारा कर सकते हैं। निगम का मानना है। कि इस दौरान अधिक से अधिक लोग अपना बकाया चुका देंगे।

अक्टूबर से लगेगा 1.5% मासिक ब्याज


निगम ने स्पष्ट किया है कि अक्टूबर 2025 से बकाया राशि पर प्रति माह 1.5 प्रतिशत ब्याज जोड़ा जाएगा। यह ब्याज दर केंद्र सरकार की निर्धारित दरों के अनुसार होगा। इसके साथ ही, समय पर कर जमा न करने वालों के खिलाफ वसूली की सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस कारण, करदाताओं के लिए सितंबर से पहले कर जमा करना लाभकारी रहेगा।

समय पर कर चुका कर बचाएं पैसा


नगर निगम ने सभी करदाताओं से अपील की है कि वे सितंबर माह तक अपने सभी बकाया कर चुका दें। समय पर कर भुगतान से न केवल ब्याज और दंड से बचा जा सकता है, बल्कि यह शहर के विकास कार्यों में भी सीधा योगदान है। निगम ने कहा कि कर से प्राप्त राशि का उपयोग सड़क, नाली, सफाई और अन्य नागरिक सुविधाओं के विस्तार में किया जाएगा।

नागरिकों के फायदे के लिए मौका


समय पर कर चुकाने से उपभोक्ता सीधे आर्थिक लाभ के साथ मानसिक शांति भी पा सकते हैं, क्योंकि ब्याज और दंड का डर समाप्त हो जाएगा। इसके अलावा, निगम की योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में भी नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित होगी। सितंबर तक की यह छूट अवधि करदाताओं के लिए एक तरह से ‘बचत का मौका’ है, जिसे गंवाना नुकसानदायक हो सकता है।