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जिला स्तर पर लगातार बैठकें व निर्देशों के बावजूद जिला स्वास्थ्य विभाग जन सेवाओं में काफी पीछे है।

जन सेवाओं के मामले में पूरे बिहार में फिसड्डी

सीतामढ़ी। जिला स्तर पर लगातार बैठकें व निर्देशों के बावजूद जिला स्वास्थ्य विभाग जन सेवाओं में काफी पीछे है। यानी सेवाओं में लगातार गिरावट आ रही है। विभाग के स्तर से हर माह सेवाओं के आधार पर की जाने वाली रैंकिंग में कभी टॉप टेन में रहने वाला जिला फिलहाल 38 वें रैंक पर है। यह रिपोर्ट जुलाई की है। उक्त रैंकिंग से यह स्पष्ट हो गया कि जिला में स्वास्थ्य विभाग जन सेवाओं के मामले में पूरे बिहार में फिसड्डी है।

69.05 अंक ओर 38 वां रैंक

राज्य स्वास्थ्य समिति के स्तर से निर्गत रैंकिंग में जिला को मात्र 69.05 अंक दिया गया है। और उसी आधार पर 38 वां रैंक मिला है। रैंकिंग लिस्ट में सबसे नीचे पांच जिले है, जिसमें 37 वें स्थान पर पटना है। रिपोर्ट में बताया गया है कि चिकित्सीय सलाह के मामले में जिला 10 में से 9.59 अंक के साथ 36 वें स्थान पर है। इसी तरह मरीजों की विभिन्न तरह की चिकित्सीय जांच के मामले में जिला 34 वें पायदान पर है। मरीजों को देखने की टाइमिंग में भी जिला काफी पिछड़ गया है। इसमें जिला 37 वें स्थल पर है। इस तरह अन्य मामले में भी जिला की काफी बदतर रैंकिंग है।

लापरवाही को लेकर पांच से स्पष्टीकरण

गौरतलब है कि सदर अस्पताल के ओपीडी में इलाज के लिए आने वाले मरीजों का शत् प्रतिशत वाइटलर चेकअप किया जाना अनिवार्य है। बावजूद ऐसा नहीं किया जाता है। यही कारण रहा कि जुलाई 2025 में निर्धारित लक्ष्य को पूरा नहीं किया जा सका। इसको लेकर सिविल सर्जन डॉ अखिलेश कुमार ने गत दिन सदर अस्पताल की श्रेणी ए नर्स रितु कुमारी, कुसुम कुमारी, सुशीला जायसवाल, दीपा कुमारी व वंदना कुमारी से स्पष्टीकरण पूछा था। जारी पत्र में सीएस ने कहा था कि आवश्यक निर्देशों के बाबजूद लक्ष्य प्राप्ति नही होने से स्पष्ट होता है कि अपने कर्त्तव्य के प्रति जवाबदेह नहीं है और लापरवाह है।