बिहार। सरकार की खेल मंत्री श्रेयसी सिंह कुर्सी संभालते ही एक्शन मोड में आ गई हैं। दरअसल, उन्होंने बिहार के खिलाड़ियों के लिये बड़ा एलान कर दिया है। उन्होंने कहा, नेशनल गेम्स की तर्ज पर बिहार में भी हर दो साल पर बिहार स्टेट गेम्स होंगे।
बिहार सरकार के नये मंत्रियों ने अपनी-अपनी कुर्सी संभाल ली है। उन्हीं में से एक हैं। श्रेयसी सिंह, जिन्होंने खेल मंत्री का पद संभाल लिया है। इस दौरान एक खिलाड़ी से खेल मंत्री तक के अपने सफर को श्रेयसी सिंह ने लोगों के साथ शेयर किया। उन्होंने कहा, एक खिलाड़ी से खेल मंत्री बनने पर जिस तरह की खुशी मुझे हो रही है उससे कहीं ज्यादा एहसास मुझे इस पद की जिम्मेदारी का हो रहा है। बिहार खेल आयोजनों में आज ग्लोबल लेवल पर अपनी पहचान बना चुका है और यह सरकार की खेल और खिलाड़ियों के विकास के प्रति कमिटमेंट से ही संभव हो सका है।
खिलाड़ियों के लिये की ये बड़ी घोषणा
खेल मंत्री श्रेयसी सिंह ने बड़ा एलान यह किया कि बिहार से इंटरनेशनल लेवल की प्रतिभा तलाशने और तराशने के लिए नेशनल गेम्स की तर्ज पर बिहार में भी हर दो साल पर बिहार स्टेट गेम्स होंगे। अगले साल जनवरी-फरवरी में आयोजन होगा। ऐसा इसलिए किया जायेगा ताकि गांव-गांव से प्रतिभा को नेशनल और इंटरनेशनल लेवल तक पहुंचाया जा सके।
अपनी जिम्मेदारियों को किया साझा
आगे खेल मंत्री ने यह भी कहा, खिलाड़ियों की मेहनत, खेल प्राधिकरण और खेल विभाग के कुशल मार्गदर्शन, संचालन और खेल से जुड़े सभी संघों के आपसी समन्वय और ताल मेल से ही बिहार के खिलाड़ी नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर कामयाब हो रहे हैं। एक मंत्री के रूप में मेरी सबसे बड़ी जिम्मेदारी बिहार को खेल के क्षेत्र में इंटरनेशनल लेवल पर बुलंदियों तक पहुंचाना है।
खेल मंत्री ने बताया लक्ष्य
उन्होंने यह भी कहा, एक खिलाड़ी होने के नाते खिलाड़ियों के सुख दुख, जरूरतों और कठिनाइयों से मैं अच्छी तरह वाकिफ हूं। मैं उनकी जरूरतों को पूरा करने और उनकी कठिनाइयों का समाधान करने में अपना सौ प्रतिशत योगदान और सहयोग दूंगी। हमारा लक्ष्य और संकल्प है। कि आने वाले ओलंपिक में बिहार के खिलाड़ियों की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके और बिहार के खिलाड़ी भी ओलंपिक में पद जीत कर बिहार और देश का नाम रोशन कर सकें।
श्रेयसी सिंह ने दिया ये आश्वासन
श्रेयसी सिंह ने आश्वासन दिया कि इस लक्ष्य को पाने के लिए सरकार की तरफ से सहयोग और प्रयास में किसी तरह की कमी नहीं रहने दी जाएगी इसके लिए मैं सभी को आश्वस्त करती हूं। खिलाड़ी भी ईमानदारी से मेहनत और अनुशासन से अपने प्रयासों में अपना सौ प्रतिशत योगदान दें तो किसी लक्ष्य को पाना कोई मुश्किल नहीं है।