Thu. Aug 7th, 2025

मां जानकी की नगरी सीतामढ़ी सृजन की नई राह पर चलने को बेताब है। ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के कारण आस्था के बड़े केंद्र पुनौराधाम में माता जानकी के दिव्य और भव्य मंदिर के निर्माण से जिले का भूगोल और आर्थिकी में भी बड़ा क्रांतिकारी बदलाव आएगा।

शहर में एक दूसरा शहर भी विकसित करने पर विचार किया जा रहा है, जिसे सीतापुरम् के नाम से भी जाना जाएगा।

सीतापुरम् जहां देसी-विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करेगा, वहीं संपूर्ण मिथिलांचल में पर्यटन का नया द्वार भी खोलेगा। इससे रोजी-रोजगार बढ़ने के साथ-साथ आस्था और श्रद्धा का महत्वपूर्ण केंद्र भी साबित होगा। इसे सड़क और रेल मार्ग से जोड़ने की कवायद जोरों पर है। 67 एकड़ वाले पुनौराधाम का रकबा भी बढ़ाया जा रहा है।

मंदिर के लिए 50 एकड़ अतिरिक्त भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। इसके लिए सरकार की ओर से करीब 166 करोड़ की राशि निर्गत की गई है। पिछले दिनों यहां पहुंचे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. दिलीप जायसवाल ने कहा था कि सीतापुरम् एक नया सिटी के रूप में विकसित होकर मां जानकी की धरती पर विकास की नई गाथा लिखेगा।

सभी सुविधाओं से युक्त होगा सीतापुरम्

सीतापुरम् में शहर के नागरिकों और बाहर से आनेवाले श्रद्धालओं को आधुनिक सुविधाएं भी प्राप्त होंगी। अयोध्या की तर्ज पर यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए बड़े-बड़े माल, होटल, पार्क आदि का भी निर्माण कराया जाएगा। मंदिर बनने व सीतापुरम् बसने से जिले के आर्थिक विकास को गति मिलेगी और रोजगार बढ़ेगा।

सरकार की ओर से इसके लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें स्थानीय लोगों का भी सहयोग लिया जा रहा है ताकि जिस प्रकार अयोध्या में भगवान श्री राम का भव्य मंदिर उत्तर प्रदेश की बड़ी पहचान है, उसी तरह मां जानकी का यह सीतापुरम् उत्तर बिहार का सबसे बड़ी पहचान बन सके।

चंपारण के सांसद सह भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल ने कहा कि मंदिर निर्माण के साथ इस शहर की दशा और दिशा बदल जाएगी। इलाके की आर्थिकी और सांस्कृतिक प्रभाव पूर्वी चम्पारण के चकिया, मधुबन तथा ढाका तक देखा जा सकेगा।

तीन नए एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा सीतापुरम्

मां जानकी की धरती सीतामढ़ी का सीतापुरम् (पुनौराधाम) को एक साथ तीन नए एक्सप्रेस वे जोड़ने पर काम चल रहा है। इसमें राम जानकी पथ एक्सप्रेस वे, गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे और रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस वे शामिल हैं। बताया गया कि भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या से मां सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी को जोड़ने के लिए रामजानकी पथ फोरलेन होगा।

उत्तरप्रदेश के बाद ,सिवान, सारण, चंपारण और शिवहर जिले से होकर यहां पहुंचनेवाली इस सड़क पर 6155 करोड़ की लागत आएगी। वहीं रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस वे के माध्यम से मां जानकी की स्थली से भगवान भोलेनाथ की नगरी देवघर महज चार घंटे में पहुंचा जा सकेगा। इसके निर्माण पर सरकार 39 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है।

वहीं 36 हजार करोड़ से गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे का भी निर्माण कराया जा रहा है। इसके लिए सरकार की ओर से संबंधित विभाग को राशि भी आवंटित कर दी गई है और इस दिशा में कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया है। फिलहाल इन सड़कों के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है।

रेलवे स्टेशन का निर्माण भी प्रस्तावित

माता जानकी की जन्मस्थली को रेलमार्ग से भी जोड़ने की योजना पर काम चल रहा है। सीतामढ़ी से शिवहर होकर मोतिहारी तक प्रस्तावित 51 किलोमीटर इस नई रेल लाइन में पुनौराधाम के पास भी एक स्टेशन के निर्माण की योजना है। ताकि रेलमार्ग से आनेवाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हो।

सरेवे का काम पूरा किया जा चुका है। प्रथम चरण में शिवहर तक 28 किलोमीटर में रेल लाइन व स्टेशनों के निर्माण के लिए भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है तथा इसको लेकर 566 करोड़ रुपये आवंटित भी हो चुके हैं।

सरकार करा रही मंदिर का निर्माण

सीतामढ़ी के पुनौराधाम में मां जानकी का भव्य व दिव्य मंदिर कई मायनों में अनूठा होगा। सबसे पहले तो यह पूरे उत्तर भारत का पहला ऐसा मंदिर होगा, जिसका निर्माण सरकार अपने स्तर से कराएगी। अमूमन अधिकांश मंदिरों का निर्माण जनसहयोग से होता है, लेकिन राज्य सरकार ने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व वाले स्थानों पर सांस्कृतिक-अध्यात्मिक पर्यटन को विकसित करने की योजना अंतर्गत बड़े मठ-मंदिरों का निर्माण और जीर्णोद्धार करा रही है।

इस कड़ी में पूर्वी चम्पारण का अरेराज सोमेश्वर महादेव मंदिर और शिवहर का देकुली धाम मंदिर के साथ मां जानकी का भव्य व दिव्य मंदिर निर्माण शामिल है।

सदियों से मिथिलांचल के लोगों ने मां जानकी के भव्य और दिव्य मंदिर का जो सपना संजोया था, वह अब शीघ्र ही आकार लेने वाला है। आठ अगस्त को देश के गृहमंत्री अमित शाह इस मंदिर का शिलान्यास करेंगे। इसके बाद जब मंदिर का निर्माण होगा तो निश्चय ही इससे पूरे इलाके का विकास का होगा। मंदिर निर्माण का निर्माण पूरा होने के बाद सीतापुरम् बनाने के प्रस्ताव पर काम किया जाएगा। – डा. मिथिलेश कुमार, विधायक, सीतामढ़ी

By RIYA