बिहार में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की सभी 55,304 दुकानों में सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। राज्य सरकार ने चावल और गेहूं के स्टाक की ऑनलाइन निगरानी व्यवस्था बहाल करने के बाद अगले दो माह के अंदर सभी पीडीएस दुकानों में सीसीटीवी कैमरे और वेइंग मशीनें (इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीन) लगाने का निर्देश सभी जिलों को दिया है।

अब तक यह व्यवस्था सिर्फ बिहार राज्य खाद्य निगम के सभी अनाज गोदामों तक सीमित थी।
पीडीएस दुकानों में सीसीटीवी कैमरे को खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग तथा बिहार राज्य खाद्य निगम के कंट्रोल कमांड सेंटर से लिंक किया जाएगा। इससे जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम), जियो-फेंसिंग और चौबीस घंटे ट्रैकिंग की व्यवस्था से राज्य की खाद्य आपूर्ति व्यवस्था में पारदर्शिता सुनिश्चित हो सकेगी।

दुकानों में खाद्यान्न वितरण की होगी लाइव मॉनिटरिंग
खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि सीसीटीवी कैमरे और वेइंग मशीनें लगाने हेतु एजेंसी चयन को निविदा जारी की गई है। 31 अक्टूबर तक सभी 38 जिलों में संचालित पीडीएस दुकानों में सीसीटीवी कैमरे और वेइंग मशीनें लगाने का कार्य पूरा करने का लक्ष्य है।
पीडीएस दुकानों में वेइंग मशीनों को पॉश (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीन से जोड़ा जाएगा। इससे पीडीएस दुकानों की लाइव मॉनिटरिंग सुनिश्चित हो सकेगी।
वेइंग मशीन को पॉश मशीन से जोड़ने से प्रत्येक लाभार्थी को मिलने वाले अनाज की सही मात्रा का ऑनलाइन रिकार्ड रखा जाएगा और लाभुक को अनाज मिलने की रीयल-टाइम जानकारी प्राप्त होगी। इससे पीडीएस दुकानदारों द्वारा कम अनाज दिए जाने संबंधी शिकायतों पर रोक लगेगी, क्योंकि वजन पॉश मशीन में दर्ज होगा। वहीं लाभार्थी को सही मात्रा में अनाज मिलेगा।
अनाज वितरण का पूरा विवरण ऑनलाइन उपलब्ध होगा, जिसे अधिकारी कहीं से भी देख सकेंगे। दुकानदारों को नई मशीनों को संचालित करने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। वर्तमान में राज्य में 1500 लाभुकों पर एक पीडीएस दुकान है। शहरी क्षेत्रों में 1350 और ग्रामीण क्षेत्रों में 1900 की आबादी पर एक दुकान आवंटित किए जाने का प्रविधान है। अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति आबादी वाले इलाकों में 1000 की आबादी पर भी एक दुकान आवंटित की जा सकती है।
ऑनलाइन भंडारण प्रबंधन से खामियों में आई कमी
खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग का दावा है कि राज्य में चावल और गेहूं के स्टाक की ऑनलाइन प्रबंधन व निगरानी होने से व्यवस्थागत खामियों में कमी आई है। वहीं, 8 करोड़ 60 लाख से ज्यादा लोगों को गुणवत्ता वाला राशन उपलब्ध कराने में पारदर्शिता बढ़ी है। इसी प्रकार पीडीएस दुकानों की ऑनलाइन प्रबंधन व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इससे लाभुकों के बीच खाद्यान्न वितरण में पारदर्शिता लायी जा सकेगी।
लाभुकों को मिलेगा अच्छा राशनः
नई व्यवस्था से सरकार को अच्छी गुणवत्ता वाली राशन की जानकारी प्रत्येक समय मिलती रहेगी और सभी लाभार्थियों तक अच्छा राशन पहुंचाने में मदद मिलेगी। खराब अनाज मिलने की शिकायतें भी दूर होंगी। अनाज के लीकेज की जांच करके खाद्यान्न वितरण की लागत को घटाने में मदद मिलेगी।
वहीं, पीडीएस दुकानों तक अनाज के प्रत्येक स्टाक को ट्रैक किया जाएगा। विभाग ने एक टोल-फ्री भी उपलब्ध कराया है। कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत विभागीय टोल-फ्री नंबर 1800-345-6194 पर काल करके दर्ज करा सकता है।