बिहार के शिक्षकों को अंतर जिला तबादले में अब बड़ी राहत मिली है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की है कि स्थानांतरण के इच्छुक शिक्षक अब आवेदन में तीन जिलों का विकल्प चुन सकेंगे, और उन्हीं में से किसी एक जिले में उनकी पोस्टिंग सुनिश्चित की जाएगी।

बिहार के शिक्षकों को आखिरकार लंबे समय से प्रतीक्षित स्थानांतरण नीति में बड़ी राहत मिली है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक अहम घोषणा करते हुए शिक्षकों के लिए नए तबादला सिस्टम की जानकारी साझा की।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि अब शिक्षक इंटर-डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर के आवेदन में तीन जिलों का विकल्प चुन सकेंगे। शिक्षा विभाग उन्हीं में से किसी एक जिले में पदस्थापन सुनिश्चित करेगा। यह कदम उन शिक्षकों के लिए राहत लेकर आया है जो वर्षों से ट्रांसफर की प्रतीक्षा में थे या जिन्हें दूरस्थ जिलों में नियुक्ति मिल गई थी और वे परिवार से दूर कठिन परिस्थितियों में कार्यरत थे।

सीएम ने खुद दी जानकारी
नीतीश कुमार ने अपने पोस्ट में लिखा, “शिक्षा विभाग द्वारा हाल में किए गए शिक्षकों के ट्रांसफर के बारे में विभिन्न स्रोतों से सुझाव प्राप्त हो रहे हैं। इसकी समीक्षा के क्रम में मैंने शिक्षा विभाग को स्पष्ट निर्देश दिया है कि अंतर जिला स्थानांतरण संबंधी जिन शिक्षकों की भी समस्या है, उनसे 3 जिलों का विकल्प प्राप्त किया जाएगा, जिसके बाद उन्हीं जिलों में उनका पदस्थापन किया जाएगा।”

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि जिले के अंदर पदस्थापन की जिम्मेदारी जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति को दी जाएगी। समिति यह प्रयास करेगी कि शिक्षकों की पोस्टिंग इच्छित प्रखंड या उसके आसपास ही हो, ताकि उन्हें बार-बार स्थानांतरण के लिए परेशान न होना पड़े।
शिक्षकों के योगदान को सराहा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संदेश में शिक्षकों की भूमिका को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि वे बच्चों के भविष्य की नींव रखते हैं। उन्होंने अपील की कि शिक्षक ट्रांसफर की चिंता छोड़कर मन लगाकर बच्चों की शिक्षा पर ध्यान दें और राज्य को शिक्षित बनाने में अपना अमूल्य योगदान दें। “शिक्षकगण बच्चों के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, इसीलिए मेरा विनम्र आग्रह होगा कि वे इस बारे में चिंतित न होकर बिहार में बच्चों की शिक्षा के लिए लगनपूर्वक काम करें।”
शिक्षकों में उत्साह
मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद बिहार के हजारों शिक्षक राहत की सांस ले रहे हैं। लंबे समय से तबादले की पारदर्शिता और सहूलियत को लेकर शिक्षक संघ और व्यक्तिगत स्तर पर मांगें उठती रही थीं। अब जब उन्हें विकल्प चुनने का अवसर मिला है, तो उम्मीद की जा रही है कि यह कदम शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ शिक्षकों के मनोबल को भी बढ़ाएगा। शिक्षा विभाग को अब निर्देशों के अनुसार अगली प्रक्रिया शुरू करनी है, और जल्दी ही इसकी अधिसूचना व गाइडलाइन जारी होने की संभावना है।