Thu. Sep 11th, 2025

बिहार के शिक्षकों के लिए इंटर-डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है। शिक्षा विभाग ने साफ कर दिया है कि पहले आवेदन करने वाले शिक्षकों को भी अब ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर दोबारा आवेदन करना होगा। नई गाइडलाइन जारी कर दी गई है और इस बार आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल तरीके से पूरी की जाएगी।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव बी। राजेंद्र ने शुक्रवार को यह जानकारी दी कि स्थानांतरण के लिए सभी शिक्षकों को पोर्टल पर जाकर नया आवेदन भरना होगा। इस प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए शिक्षकों को तीन जिलों तक की प्राथमिकता चुनने का विकल्प मिलेगा। विभाग का दावा है कि इस बदलाव से न केवल स्थानांतरण प्रक्रिया सरल होगी बल्कि गलतियों और विवादों की गुंजाइश भी कम होगी।

बिहार के शिक्षा विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक, इंटर-डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर अब केवल ई-शिक्षाकोष पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। जिन शिक्षकों ने पहले स्थानांतरण के लिए आवेदन किया था, उन्हें भी अब दोबारा से यह प्रक्रिया पूरी करनी होगी।

अधिकारी ने कहा कि यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि सभी डेटा एक ही प्लेटफॉर्म पर अपडेट रहे और किसी भी शिक्षक का रिकॉर्ड अधूरा न छूटे।

आवेदन की नई प्रक्रिया

शिक्षकों को स्थानांतरण के लिए पोर्टल पर लॉगिन कर Apply for Transfer पर क्लिक करना होगा। इसके बाद उनकी प्रोफ़ाइल खुल जाएगी, जिसमें नाम, पद, सेवा अवधि और अन्य बुनियादी जानकारी पहले से उपलब्ध रहेगी। आवेदक को इस प्रोफ़ाइल की जांच करनी होगी और आवश्यकतानुसार वैवाहिक स्थिति, गृह राज्य या गृह जिला जैसी जानकारी भरनी होगी।

सबसे महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि शिक्षकों को अब अपनी पसंद के तीन जिलों का विकल्प चुनने का अवसर मिलेगा। इससे उन्हें अपनी पारिवारिक और व्यक्तिगत परिस्थितियों के अनुसार उपयुक्त जिला चुनने की सुविधा मिलेगी। आवेदन भरने के बाद Save as Draft बटन दबाकर इसे सुरक्षित किया जा सकता है और अंतिम बार देखने के लिए View Application का विकल्प भी उपलब्ध होगा।

अंतिम सबमिशन के बाद संशोधन संभव नहीं

अपर मुख्य सचिव ने साफ किया कि आवेदन को सबमिट करने से पहले सभी जानकारी को ध्यान से जांचना जरूरी होगा। एक बार आवेदन सबमिट कर देने के बाद उसमें किसी भी प्रकार का संशोधन संभव नहीं होगा। अंतिम सबमिशन के बाद आवेदक चाहे तो आवेदन पत्र का प्रिंट-आउट निकाल सकते हैं।

गलत जानकारी पर होगा आवेदन रद्द

विभाग ने शिक्षकों को चेतावनी दी है कि आवेदन पत्र में गलत या भ्रामक जानकारी देने पर आवेदन स्वतः निरस्त कर दिया जाएगा। यही नहीं, केवल वही आवेदन मान्य होगा जो तय समयसीमा के भीतर पोर्टल पर सबमिट किया जाएगा।

पारदर्शिता और सुगमता पर जोर

शिक्षा विभाग का मानना है कि नई प्रक्रिया से स्थानांतरण में पारदर्शिता आएगी। अब तक कई बार शिकायतें सामने आती थीं कि पुराने आवेदन अधूरे रह जाते हैं या गलत जानकारी के कारण लंबित हो जाते हैं। डिजिटल पोर्टल के जरिये हर शिक्षक की प्रोफाइल एक जगह अपडेट होगी और चयन प्रक्रिया निष्पक्ष तरीके से पूरी की जा सकेगी।

विभाग ने उम्मीद जताई है कि नई व्यवस्था से शिक्षकों को काफी राहत मिलेगी। खासकर उन शिक्षकों के लिए यह व्यवस्था लाभकारी होगी जो पारिवारिक कारणों से अपने गृह जिले या नजदीकी इलाके में स्थानांतरण चाहते हैं।