बिहार में बालू की किल्लत और बढ़ेगी। इसके जिम्मेदार खनन विभाग के पदाधिकारी हैं। क्योंकि खनन के लिए टेंडर नही हो सका है। इधर, बिहार सरकार के खनन एवं भूतत्व विभाग के मंत्री जनक राम ने कहा कि बालू का अवैध खनन नहीं होगा। 8 जिलों में बालू खनन पर रोक के संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी। निष्कर्ष निकालने की कोशिश की जा रही है। मुख्यमंत्री जी को इसकी जानकारी दी जायेगी तथा इस संबंध में निर्णय लिया जायेगा। अवैध खनन रोकने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है। अवैध खनन में संलृप्त लोगों पर कार्रवाई हो रही है। विभाग तत्पर है, ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। भाजपा कार्यालय में सहयोग कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से कहा कि उपचुनाव में एनडीए की जीत तय है। राज्य की जनता विकास के मुद्दे पर वर्तमान एनडीए सरकार के साथ है। पूर्ववर्ती राजद सरकार में पैसे का खेल चलता था। कहा कि तेजस्वी जो आरोप लगा रहे हैं वह राजद के शासनकाल में हुआ करता था।

इन जिलों में शुरू खनन पर भी पाबंदी

एनजीटी के आदेश से एक जुलाई से शुरू हुई बालू खनन पर पाबंदी 30 सितंबर को समाप्त होने के बाद भी प्रदेश में बालू का खनन शुरू नहीं हो पाया है। जिन आठ जिलों पटना, भोजपुर, गया, सारण, रोहतास, औरंगाबाद, जमुई और लखीसराय में बालू खनन की प्रक्रिया शुरू की गई थी, वहां भी एनजीटी के आदेश से राज्य सरकार ने एकबार फिर रोक लगा दी है।

इन जिलों में नही हो सका टेंडर

जिन आठ जिलों नवादा, अरवल, बांका, पश्चिम चंपारण, मधेपुरा, किशनगंज, वैशाली और बक्सर में बालू खनन की हरी झंडी मिल चुकी है, वहां भी टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। इस कारण राज्य में बालू खनन पूरी तरह से ठप है। लिहाजा किल्लत और बढ़ेगी। आने वाले दिनों में प्रदेश में चल रहे निर्माण कार्यों पर संकट पैदा हो सकता है।