Mon. Aug 11th, 2025

बिहार में बढ़ते भूमि विवादों के त्वरित निपटारे के लिए सरकार ने नई पहल शुरू की है। मुख्य सचिव के निर्देश पर अब हर शनिवार अंचल कार्यालयों में जनता दरबार लगेगा, जहां संयुक्त स्थल निरीक्षण और साक्ष्यों के आधार पर मामलों का समाधान किया जाएगा।

बिहार में भूमि विवाद का मसला वर्षों से लोगों के लिए सिरदर्द बना हुआ है। कई सरकारी प्रयासों और नियम-कायदों के बावजूद यह समस्या खत्म होने के बजाय लगातार बढ़ रही है। सूबे की बड़ी आबादी आज भी जमीन से जुड़े झगड़ों में उलझी हुई है, और राजस्व विभाग के पुराने तरीकों से इसका स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है।

मुख्य सचिव की समीक्षा बैठक में बने नए निर्देश

22 जुलाई को मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के डीएम और एसपी से भूमि विवादों के लंबित मामलों की समीक्षा की। बैठक में निर्देश दिए गए कि अब हर शनिवार अंचल कार्यालयों में जनता दरबार आयोजित होगा, जिसमें लोगों की जमीन से जुड़ी शिकायतें सुनी जाएंगी।

संयुक्त स्थल निरीक्षण से होगा त्वरित फैसला

अगर किसी मामले में स्थल निरीक्षण की आवश्यकता होगी, तो थाना और अंचल कार्यालय के अधिकारी संयुक्त रूप से मौके पर जाकर जांच करेंगे। इसका उद्देश्य है कि निर्णय लेते समय पूरी और सटीक जानकारी उपलब्ध हो सके, ताकि बाद में विवाद न बढ़े।

जनता दरबार का रिकॉर्ड और सख्त जांच

  • प्रत्येक जनता दरबार का ऑफलाइन रिकॉर्ड संधारित होगा.
  • विवाद से जुड़े सभी दस्तावेज, बैठक के निर्णय और कार्रवाई का पूरा ब्यौरा दर्ज किया जाएगा.
  • अंचल कार्यालयों में विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती होगी.

फर्जी दस्तावेज वालों पर कड़ी कार्रवाई

भूमि विवाद में फर्जी कागजात इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ गहन जांच की जाएगी। यदि दस्तावेज फर्जी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

उम्मीदें और चुनौतियां

सरकार की यह नई पहल जमीन विवादों के त्वरित और निष्पक्ष निपटारे की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। हालांकि, जानकारों का मानना है कि पिछले प्रयासों की तरह यह पहल भी तभी सफल होगी, जब फैसलों पर अमल समय पर और निष्पक्ष तरीके से किया जाए।