बिहार। में ठेकेदारों से जुड़ी बड़ी खबर है। सड़क निर्माण की जिम्मेदारी तय होने के बाद अगर जांच के दौरान कागजात गलत मिलते हैं तो ठेकेदार पर कार्रवाई की जायेगी। ग्रामीण कार्य विभाग की तरफ से अधिकारियों को आदेश जारी कर दिया गया है।
बिहार। में ठेकेदारों के खिलाफ सख्त रवैया अपनाया जा रहा है। राज्य में ग्रामीण सड़कों के निर्माण की जिम्मेदारी तय होने के बाद भी अगर जांच में ठेकेदार के कागजात गलत पाये जाते हैं तो उन पर कार्रवाई होगी। इस संबंध में ग्रामीण कार्य विभाग ने अधिकारियों को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। इसके साथ ही विभाग के सभी एग्जीक्यूटिव इंजीनियरों से कहा गया है कि टेंडर के बाद अग्रीमेंट करने से पहले ठेकेदार के दिये सभी कागजातों की जांच उसकी ऑरिजिनल कॉपी से कर लें।
ग्रामीण कार्य विभाग का क्या है मकसद?
यह भी आदेश दिया गया कि संतुष्ट होने के बाद ही अग्रीमेंट करें। इसका मकसद विभागीय निर्माण कार्यों को बेहतर तरीके से और तय समय पर पूरा करवाना है। किसी तरह की समस्या होने पर काम बाधित होने की आशंका बनी रहती है। सूत्रों के अनुसार, विभाग ने काम तय समय पर बेहतर तरीके से पूरा कराने के लिए संबंधित अधीक्षण अभियंताओं को सप्ताह में कम से कम एक बार कार्यस्थल का निरीक्षण का निर्देश दिया है।
अग्रीमेंट की शर्तों का उल्लंघन होने पर होगा एक्शन
जानकारी के मुताबिक, यह निर्देश दिया गया है कि अधीक्षण अभियंता यह भी देखेंगे कि अग्रीमेंट की शर्तों का पालन करते हुए ठेकेदार संबंधित निर्माण पूरा करें। यदि अग्रीमेंट की शर्तों का उल्लंघन पाया जाता है तो उस संबंध में कार्रवाई करें। साथ ही इसकी जानकारी अधीक्षण अभियंता के माध्यम से ब्राडा के अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सह सचिव को देनी होगी। इस तरह से सख्ती बरतने को लेकर आदेश जारी कर दिया गया है।