Thu. Aug 7th, 2025

बिहार शिक्षक नियुक्ति में सामान्य यानी अनारक्षित पदों पर भी डोमिसाइल लागू कर दिया गया है। हालांकि, इसका लाभ उठाने के लिए बिहार का निवास प्रमाण पत्र मान्य नहीं होगा। इसके लिए अभ्यर्थियों को एक अलग दस्तावेज आवेदन के समय जमा कराना पड़ेगा।

बिहार शिक्षक नियुक्ति में डोमिसाइल नीति लागू हो गई है। बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षाओं में अब बिहार के स्थानीय युवाओं को 84.4 प्रतिशत यानी लगभग 85 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार, 5 अगस्त को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई। इस साल होनेवाली चौथे चरण की बीपीएससी शिक्षक बहाली में डोमिसाइल लागू हो जाएगा। हालांकि, बिहार के अभ्यर्थियों को इसका लाभ उठाने के लिए आवेदन के समय आवश्यक दस्तावेज जमा कराने होंगे। गौर करनेवाली बात यह है कि इसके लिए निवास प्रमाण पत्र मान्य नहीं होगा। यानी कि आवासीय प्रमाण पत्र दिखाकर शिक्षक नियुक्ति में डोमिसाइल का लाभ नहीं उठाया जा सकेगा। इसके लिए अभ्यर्थियों को एक अलग दस्तावेज देना होगा।

बिहार के स्कूल से मैट्रिक या इंटर की हो डिग्री

कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ, एस सिद्धार्थ ने मीडिया से बातचीत में बिहार शिक्षक भर्ती में डोमिसाइल नीति पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन छात्र-छात्राओं ने बिहार में रहकर मैट्रिक या इंटर की पढ़ाई की है, उन्हें ही डोमिसाइल नीति का लाभ मिलेगा। इसका सत्यापन डोमिसाइल सर्टिफिकेट से नहीं बल्कि 10वीं या 12वीं की मार्कशीट अथवा सर्टिफिकेट से किया जाएगा। यानी कि जिन अभ्यर्थियों की 10वीं या 12वीं की परीक्षा बिहार बोर्ड या राज्य के ही किसी सीबीएसई जैसे अन्य बोर्ड के स्कूल में रहकर दी है। तो ही उन्हें शिक्षक नियुक्ति में डोमिसाइल का लाभ मिल पाएगा। अगर किसी अभ्यर्थी के पास बिहार का निवास प्रमाण पत्र है, लेकिन उसके मैट्रिक और इंटर पास का सर्टिफिकेट बिहार सेबाहर का है, तो उसे डोमिसाइल का लाभ नहीं मिल पाएगा।

शिक्षक नियुक्ति में इतने पद रिजर्व

बिहार में 50 प्रतिशत जो जातिगत आरक्षण और 10 प्रतिशत आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को आरक्षण मिलता है, उसमें डोमिसाइल पहले से लागू है। पिछलेदिनों नीतीश सरकार ने महिलाओं को मिलनेवाले 35 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण में भी पूर्ण डोमिसाइल लागू करने का ऐलान किया था। ताजा फैसले में सरकार ने जो अनारक्षित या सामान्य वर्ग के पद हैं उनमें भी 65 प्रतिशत आरक्षण लागू कर दिया है। यानी कि जातीय एवं ईडब्ल्यूएस आरक्षण के बाद 40 फीसदी पदों में दो तिहाई नौकरियां बिहार के सामान्य अथवा अनारक्षित अभ्यर्थियों के लिए रिजर्व कर दी गई हैं। इस तरह शिक्षक नियुक्ति के कुल पदों में महज 15 फीसदी पद ही ऐसे बचेंगे जिनपर बिहार या दूसरे
राज्यों के अभ्यर्थी आवेदन कर सकेंगे।

सितंबर में जारी होगी BPSC TRE 4 की तारीख

रोस्टर से रिक्तियां मिलने के बाद शिक्षा विभाग की ओर से बिहार लोक सेवा आयोग को अधियाचना भेजी जाएगी। संभावना है कि सितंबर 2025 के पहले सप्ताह में टीआरई-4 की तारीखें घोषित हो जाएंगी। पूर्व में हुईं तीन चरणों की बीपीएससी शिक्षक नियुक्तियों में अनारक्षित पदों पर डोमिसाइल लागू नहीं था। इसके चलते यूपी और अन्य राज्यों के अभ्यर्थी बिहार में बड़ी संख्या में टीचर बन गए।