बिहार में सरकारी नौकरी की राह देख रहे युवाओं के लिए एक अच्छी खबर है. राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में शारीरिक शिक्षा और स्वास्थ्य अनुदेशक के पद पर बहाली का रास्ता साफ़ हो गया है. सूबे के सरकारी स्कूलों में 8386 फिजिकल टीचर बहाली होने जा रही है. 

बिहार शिक्षा विभाग ने राज्य के 8386 विद्यालयों में तत्काल एक-एक शारीरिक शिक्षा और स्वास्थ्य अनुदेशक के पद कुल 8386 पद सृजन की स्वीकृति की अधिसूचना जारी कर दी है. पिछले दिनों 22 सितंबर को चार देशरत्न स्थित संवाद में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की अहम बैठक में 21 एजेंडों पर मुहर लगी थी, जिसमें ये एजेंडा भी शामिल था. तब फैसला हुआ था कि 100 से अधिक छात्र वाले प्राइमरी विद्यालयों में शारीरिक शिक्षा और स्वास्थ्य अनुदेशक की बहाली की जाएगी.

बच्चों को मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 में निहित प्रावधान के आलोक में जहां 100 से अधिक विद्यार्थी नामांकित हैं, वैसे सभी प्रारंभिक स्कूलों में एक-एक शारीरिक शिक्षा सह स्वास्थ्य अनुदेशक बहाल होने हैं. इन्हें 8000 के नियत वेतन पर बहाल किया जाएगा. इसके साथ ही उन्हें 200 रुपए की वार्षिक वेतनवृद्धि का भी लाभ मिलेगा.

गौरतलब हो कि लंबे समय से अभ्यर्थियों को इस बहाली का इंतजार है. बच्चों का मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 में निहित प्रावधान के आलोक में 8000 रूपये प्रतिमाह की दर के वेतन पर बिहार के 8386 राजकीयकृत प्रारंभिक विद्यालयों में तत्काल एक-एक शारीरिक शिक्षा और स्वास्थ्य अनुदेशक का पद सृजन करने की स्वीकृति दे दी गई है. 

शारीरिक शिक्षा सह स्वास्थ्य अनुदेशक के 8386 पदों का सृजन तो कर दिया गया है. लेकिन फिलहाल इतने योग्य अभ्यर्थी ही नहीं मिल पाएंगे. आपको बता दें कि आवेदन की प्रक्रिया के लिए अभ्यर्थियों को आवश्यक समय भी दिया जाएगा. शारीरिक शिक्षा और स्वास्थ्य अनुदेशक योग्यता परीक्षा 2019 की परीक्षा में कुल 6,199 अभ्यर्थी शामिल हुए थे. इसमें कुल 3 हजार 523 अभ्यर्थी पास हुए हैं. इन सभी की नियुक्ति अभी की जाएगी. 8383 शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक पद के सृजन पर अनुमानित वार्षिक व्यय 81 करोड़ रुपए है, जबकि पात्रता परीक्षा में सफल 3523 की बहाली होती है तो इनपर करीब 34 करोड़ का प्रति वर्ष खर्च संभावित है.