पूर्व मध्य रेलवे ने 311 किमी लंबी तीसरी और चौथी रेल लाइन के लिए 8600 करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार की है। छपरा ग्रामीण-बछवाड़ा और बरौनी-कटिहार खंड में कोसी, गंडक नदियों पर नए पुल और 69 समपार फाटकों को हटाने की योजना।

पूर्व मध्य रेलवे ने बिहार में दिल्ली-गुवाहाटी उच्च घनत्व नेटवर्क मार्ग पर 311 किलोमीटर लंबी तीसरी और चौथी रेल लाइन के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की है। जिसकी अनुमानित लागत 8600 करोड़ रुपये है। यह परियोजना छपरा ग्रामीण से सोनपुर, हाजीपुर, शाहपुर पटोरी, बछवाड़ा और बरौनी से कटिहार तक के रेल खंडों को कवर करेगी।
यह नई रेल लाइन कटिहार में 41.25 किमी, भागलपुर में 40.10 किमी, खगड़िया में 49.80 किमी, बेगूसराय में 70.15 किमी, समस्तीपुर में 15.00 किमी, वैशाली में 38.10 किमी और सारण में 56.39 किमी तक फैली होगी। 30 जुलाई को पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक और विभागाध्यक्षों ने डीपीआर की समीक्षा की और तकनीकी सुधारों के सुझाव दिए, जिसके बाद इसे जल्द रेलवे बोर्ड को स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।
यह मार्ग भारत के सबसे व्यस्त रेल खंडों में से एक है, जहाँ यात्री और मालगाड़ियों की मांग लगातार बढ़ रही है। इस परियोजना से ट्रेनों की लेटलतीफी कम होगी और परिचालन क्षमता बढ़ेगी। परियोजना के तहत कुरसेला के पास कोसी नदी और हाजीपुर के समीप गंडक नदी पर नए रेल पुल बनाए जाएँगे। इसके अलावा 21 बड़े और 82 छोटे पुलों का निर्माण होगा, साथ ही 69 समपार फाटकों को हटाकर लिमिटेड हाइट सबवे बनाए जाएँगे, जिससे सड़क यातायात सुरक्षित होगा।
बछवाड़ा-बरौनी खंड में तीसरी और चौथी लाइन का कार्य 930 करोड़ रुपये की लागत से पहले से चल रहा है और अगले चरण में हाजीपुर-मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर-बछवाड़ा खंड की डीपीआर तैयार होगी। स्वचालित सिग्नलिंग से इस खंड में परिचालन दक्षता बढ़ेगी। यह परियोजना कोसी, सीमांचल और मिथिलांचल क्षेत्रों में माल ढुलाई की लागत कम करेगी और पर्यटन को बढ़ावा देगी।
बताते चलें कि बड़हरवा-भागलपुर खंड में तीसरी-चौथी लाइन से रेलवे को प्रतिवर्ष 538 करोड़ रुपये का वित्तीय लाभ और 1341 करोड़ रुपये का व्यावसायिक लाभ होगा। बिहार सरकार ने मई 2025 में रेलवे बोर्ड को छह नई परियोजनाओं का प्रस्ताव भेजा, जिसमें सिवान-छपरा-हाजीपुर-बरौनी-कटिहार खंड और आरा-छपरा के बीच गंगा पर नया रेल पुल शामिल है।
