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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐलान किया है कि ग्रेजुएशन कर चुके युवक और युवतियों को अधिकतम दो साल तक 1000 रुपये मासिक भत्ता दी जाएगी। मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता का…

चुनावी साल में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ग्रेजुएट बेरोजगारों को अधिकतम दो साल तक 1000 रुपये मासिक भत्ता देने का ऐलान कर दिया है। स्नातक पास वैसे युवक और युवती जिनके पास नौकरी-रोजगार नहीं हैं, उन्हें मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता का लाभ दिया जाएगा। सरकार की यह योजना पहले से चल रही है, लेकिन अब तक इंटर पास नौजवानों को ही इसका फायदा मिलता था। अब ग्रेजुएट बेरोजगारों को भी इस भत्ता के दायरे में लाया गया है। सीएम नीतीश ने खुद अपने सोशल मीडिया हैंडल पर इसकी जानकारी दी। 2025 में 225 सीट का लक्ष्य साधने के लिए एनडीए सरकार लगातार अलग-अलग वर्ग के लोगों को नकद लाभ देने वाली योजनाओं का ऐलान कर रही है।

नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर बताया कि राज्य सरकार के सात निश्चय कार्यक्रम अन्तर्गत पूर्व से संचालित मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना का विस्तार किया गया है। इसके अन्तर्गत इंटर उत्तीर्ण युवक/युवतियों को पहले से दी जा रही स्वयं सहायता भत्ता योजना का लाभ अब कला, विज्ञान एवं वाणिज्य उत्तीर्ण स्नातक बेरोजगार युवक/युवतियों को भी दिए जाने का निर्णय लिया गया है। 20-25 आयु वर्ग के वैसे स्नातक उत्तीर्ण युवक/युवतियां जो कहीं अध्ययनरत नहीं हैं तथा नौकरी/रोजगार हेतु प्रयास कर रहे हैं, उनका कोई स्वरोजगार नहीं है अथवा सरकारी, निजी, गैर सरकारी नियोजन प्राप्त नहीं है, को भी 1000 रूपए प्रतिमाह की दर से अधिकतम दो वर्षों तक मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता का भुगतान किया जाएगा। मुझे उम्मीद है कि इस सहायता भत्ता का उपयोग युवक/युवतियां आवश्यक प्रशिक्षण प्राप्त करने तथा प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारियों में करेंगे ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके।

उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार की इस दूरदर्शी पहल का उद्देश्य है कि राज्य के युवाओं को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर मिले। यहां के शिक्षित युवा आत्मनिर्भर, दक्ष और रोजगारोन्मुखी बनें और देश एवं राज्य के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकें।

इससे पहले नीतीश कुमार ने अपने पोस्ट में लिखा है कि नवम्बर 2005 में नई सरकार बनने के बाद से ही अधिक से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार देना तथा उन्हें सशक्त और सक्षम बनाना हमलोगों की प्राथमिकता रही है। आप अवगत हैं कि अगले पांच साल में एक करोड़ युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। आने वाले समय में सरकारी एवं निजी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में नौकरी एवं रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। इस निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे नौकरी/रोजगार प्राप्त कर सकें।

दरअसल 2025 के विधानसभा चुनाव में नौकरी और रोजगार बड़ा मुद्दा है जिस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों का बराबर फोकस है। तेजस्वी यादव भी अपने 17 महीने के कार्यकाल में दी गई नौकरी और भविष्य में रोजगार के आश्वासन पर कंसन्ट्रेट कर रहे हैं। इससे पहले नीतीश कुमार ने एक और मास्टरस्ट्रोक खेल दिया है।