पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार के शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर कंप्यूटर साइंस विषयों के शिक्षकों की भर्ती में अयोग्य उम्मीदवारों की नियुक्ति के मामले में जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को…

पटना हाईकोर्ट ने बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा में कंप्यूटर साइंस विषय के तहत अयोग्य अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर नीतीश सरकार से जवाब-तलब किया है। अदालत ने बिहार शिक्षा विभाग को तीन सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल कर स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया है। जस्टिस हरीश कुमार की एकलपीठ ने मामले पर सुनवाई के बाद यह निर्देश दिया। सरकार पर कंप्यूटर साइंस के टीचर बहाली में अयोग्य उम्मीदवारों को नियुक्ति देने का आरोप है।
हाईकोर्ट को बताया गया कि विज्ञापन संख्या 26/2023 के तहत तय तारीख तक एसटीईटी/टीईटी पास उम्मीदवार ही नियुक्ति के पात्र थे। मगर बड़ी संख्या में अयोग्य उम्मीदवारों को भी इस शिक्षक भर्ती में शामिल कर अस्थायी नियुक्ति पत्र जारी कर दिया गया। इन उम्मीदवारों ने एसटीईटी या टीईटी परीक्षा पास नहीं की थी। आवेदकों का आरोप है कि विभाग की मिलीभगत से अब तक संशोधित मेरिट लिस्ट जारी नहीं की गई और योग्य उम्मीदवारों के बजाय दूसरों को नियुक्ति पत्र दे दिया गया।

राज्य सरकार और बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की ओर से पूर्व में दाखिल हलफनामा का हवाला देते हुए हाईकोर्ट को बताया गया कि हलफनामा में अयोग्य उम्मीदवारों की नियुक्ति को गलत करार दिया गया है। कोर्ट ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को इस पर हलफनामा दाखिल कर स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया। मामले पर अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को होगी।