सीतामढ़ी। विधानसभा चुनाव में भाजपा के सुनील कुमार पिंटू ने 5562 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। प्रचार के दौरान वायरल वीडियो और विपक्ष की आक्रामक रणनीति के बावजूद, पिंटू को 1042426 मत मिले। पीएम मोदी के भाषण और पुनौरा की आस्था ने भाजपा के पक्ष में माहौल…
सीतामढ़ी। सीतामढ़ी विधानसभा से कांटे की लड़ाई आखिरकार भाजपा प्रत्याशी सुनील कुमार पिंटू के नाम रही। प्रचार के अंतिम दिनों में वायरल विवादित वीडियो और विपक्षी खेमे की आक्रामक रणनीति… सब मिलकर इस सीट को हाई-वोल्टेज मुकाबले में बदल चुका था। लेकिन अंत में जनता ने शोर को नहीं, भरोसे को चुना। विरोध की तमाम आंधियों और चुनावी समीकरणों के उतार-चढ़ाव के बीच पिंटू ने 5562 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। पिंटू को 1042426 मत मिले, जबकी इनके प्रतिद्वंदी सुनील कुमार (राजद) को 98664 मत मिले। इस जीत के पीछे केवल राजनीतिक रणनीति नहीं, बल्कि मां जानकी का आशीर्वाद, पुनौरा की अद्भुत आस्था और अंतिम क्षण में चला एनडीए का मास्टरस्ट्रोक भी मजबूत कारण बना।
चुनाव प्रचार के दौरान केंद्र सरकार की योजनाओं का ‘कॉम्बो पैकेज’ सीतामढ़ी के मतदाताओं के बीच खूब असरदार दिखा।महिलओं के स्वरोजगार के लिए 10 हजार रुपये की खास योजना, 125 यूनिट फ्री बिजली और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंतिम समय के भाषण ने हवा को पूरी तरह अनुकूल बना दिया। प्रचार थमने के बाद जब माहौल ठंडा होता दिख रहा था, उसी समय पीएम के भाषण ने वोटरों की मनोदशा बदलकर भाजपा के पक्ष में नया उत्साह पैदा किया। पुनौरा में आस्था की ज्वाला बनी वोटों की धाराः माता सीता की जन्मभूमि पुनौरा इस चुनाव में सिर्फ एक मतदान क्षेत्र नहीं रहा, यह भाजपा के लिए ऊर्जा केंद्र बना।
भव्य जानकी मंदिर निर्माण की शिलान्यास की गूंज ने गांव में ऐसा माहौल रचा कि हर कोई मतदान को पूजा के समान भाव से देखने लगा। लोग पूजा-अर्चना कर, माथे पर चंदन और हाथ में वोटर स्लिप लिए बूथों पर पहुंचे थे। लोगों ने कहा कि मंदिर निर्माण की दिशा स्पष्ट होने से उनका भरोसा और उम्मीद दोनों बढ़ा है। यही भरोसा वोट बनकर भाजपा की झोली में गया। – शाह का ‘दोस्ती वाला मंत्र’ बना गेम चेंजरः सबसे बड़ा मोड़ तब आया, जब देश के गृहमंत्री अमित शाह ने चुनाव प्रचार के दौरान रीगा में खुले मंच से पिंटू को अपना ‘दोस्त’ बताया और उन्हें जीताने की अपील करते पिंटू की पीठ थपथपाई। शाह ने यहां तक कहा कि ‘पिंटू मेरा दोस्ता है, और दोस्त को बड़ा आदमी बनाना है’, यह एक ऐसा संदेश था, इसने पूरा चुनावी माहौल बदल दिया। भाजपा के खेमे में नई ऊर्जा दौड़ गई, विरोध की आवाजें पृष्ठभूमि में खो गईं और पिंटू का कद अचानक और बड़ा हो गया।