बिहार विधानसभा चुनाव में अब विदेश में अस्थायी रूप से रह रहे राज्य के नागरिक भी मतदान कर सकेंगे। चुनाव आयोग ने पात्र अप्रवासी भारतीयों को वोट देने की अनुमति दी है। बशर्ते उन्होंने किसी अन्य देश की नागरिकता न ली हो और पासपोर्ट में बिहार का पता दर्ज हो।

बिहार विधानसभा चुनाव में अब वे लोग जो विदेशों में अस्थायी रूप से रह रहे हैं। मतदान कर सकेंगे। भारतीय चुनाव आयोग के अनुसार, यदि आप भारत के नागरिक हैं। केवल काम, पढ़ाई या अन्य कारणों से देश से बाहर हैं। और आपने किसी अन्य देश की नागरिकता नहीं ली है। तो आप अपने पासपोर्ट में दर्ज भारतीय एड्रेस के आधार पर बिहार की वोटर लिस्ट में नाम जुड़वा सकते हैं।

इसके लिए आपको फॉर्म 6ए भरना होगा। यह फॉर्म केवल उन्हीं भारतीयों के लिए है। जो विदेश में रह रहे हैं लेकिन भारतीय नागरिक बने हुए हैं। आवेदन करने के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष होना जरूरी है। अगर कोई 10 अगस्त 2025 को फॉर्म भरना चाहता है। तो इस तारीख तक उसकी उम्र 18 वर्ष पूरी होनी चाहिए।

क्या है नियम
फॉर्म भरते समय सभी जानकारी पासपोर्ट के विवरण के अनुसार ही भरनी होगी। इसके अलावा पासपोर्ट साइज फोटो और पासपोर्ट की फोटोकॉपी (फोटो वाला पेज, व्यक्तिगत विवरण और वीजा वाला पेज) भी अटैच करना होगा। यदि आप डाक से आवेदन भेज रहे हैं। तो पासपोर्ट की इन फोटोकॉपी को उस देश में स्थित भारतीय दूतावास से अटेस्ट कराना अनिवार्य है। बिना अटेस्टेड डॉक्यूमेंट के फॉर्म स्वीकार नहीं किया जाएगा।
यदि आप खुद भारत आकर फॉर्म जमा कर रहे हैं। तो अपने असली पासपोर्ट को दिखाना होगा। निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी ( ERO) आपके पासपोर्ट की जांच के बाद उसे वापस कर देंगे जब आपका नाम वोटर लिस्ट में दर्ज हो जाएगा, तब आप चुनाव के दिन बिहार में अपने मतदान केंद्र पर जाकर वोट डाल सकेंगे। उस दिन अपने साथ मूल पासपोर्ट लाना जरूरी होगा, तभी आपको मतदान की अनुमति दी जाएगी।
चुनाव आयोग की कोशिश- कोई अधिकार से वंचित ना रहे
बिहार के वैसे नागरिक भारत के अन्य राज्यों में अस्थायी रूप से रह रहे हैं। लेकिन सेना या किसी सरकारी सेवा में नहीं हैं। उन्हें केवल वहीं के चुनाव में वोट देने की अनुमति होगी जहां वे रह रहे हैं। वे बिहार में मतदान नहीं कर सकते केवल सुरक्षा बलों या सरकारी सेवा में कार्यरत लोगों को पोस्टल बैलट की सुविधा दी जाती है।
इस नए प्रावधान से विदेशों में रह रहे बिहार के लोगों को लोकतांत्रिक भागीदारी का अधिकार मिलेगा। चुनाव आयोग ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि कोई भी पात्र नागरिक सिर्फ स्थान के कारण अपने अधिकार से वंचित न रहे।