सीतामढ़ी नगर निगम सभागार में गुरुवार को मेयर रौनक जहां परवेज की अध्यक्षता में सामान्य बोर्ड की बैठक आयोजित की गई। बैठक में शहर से जुड़ी कई अहम समस्याओं व योजनाओं पर विचार-विमर्श किया गया। खासतौर पर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था, ठोस कचरा प्रबंधन, पेयजल संकट, जल जमाव, शौचालय निर्माण, सफाई एजेंसियों की कार्यशैली, आवास योजना और नगर निगम कार्यालय के आधुनिकीकरण जैसे विषय प्रमुख रहे। बैठक में बताया गया कि नगर निगम क्षेत्र में कुल 15,097 स्ट्रीट लाइटें लगाई जानी हैं। इसके लिए पूर्व में गठित समिति ने वार्डवार सर्वे कर प्रतिवेदन समर्पित किया है।

पहले ईईएसएल कंपनी द्वारा सीतामढ़ी नगर परिषद व डुमरा नगर पंचायत में स्ट्रीट लाइट लगाई गई थी। अब विस्तारित नगर निगम क्षेत्र में सभी बिजली पोलों पर लाइट लगाने की दिशा में निर्णय लिया जाएगा। बैठक में स्वच्छ भारत मिशन शहरी और 15वीं वित्त आयोग से प्राप्त राशि से कई उपकरण व मशीनें खरीदने पर विचार किया गया। इनमें 21 टिपर, 50 डस्टबीन, 100 हैंडकार्ट, 6 कम्पैक्टर, 4 जेसीबी, 4 फॉगिंग मशीन, 1 सुपर सक्शन मशीन, 2 सक्शन कम जेटिंग मशीन, 5 बॉबकैट, 1 ट्रक माउंटेड एंटी स्मॉग गन, 3 हाईवा, 1 डॉग कैचर और 1 टोइंग मशीन शामिल हैं। गर्मी और भू-जल स्तर घटने से उत्पन्न जल संकट पर बैठक में गंभीर चर्चा हुई। बताया गया कि नगर निगम द्वारा आयोजित आपका शहर, आपकी बात कार्यक्रम के तहत सभी वार्डों में सभाएं हुईं। इसमें लोगों ने नाला, सड़क, स्ट्रीट लाइट और सफाई से जुड़ी मांगें रखीं।
बैठक में इन योजनाओं को स्वीकृति देने और खर्च की राशि अनुमोदित करने पर चर्चा की गई। नगर उद्यान के पास अवस्थित पार्किंग स्थल की बंदोबस्ती पहले तय तिथि को नहीं हो सकी थी। इसलिए इसका सुरक्षित जमा राशि का पुनर्निर्धारण करने पर विचार हुआ, ताकि पुनः बंदोबस्ती कराई जा सके। नगर निगम क्षेत्र में कार्यरत 131 दैनिक कर्मियों को श्रम विभाग की दरों के अनुसार भुगतान की पुष्टि की गई। इनमें 2 अति कुशल, 31 कुशल, 11 अर्द्धकुशल और 87 अकुशल कर्मी शामिल हैं। बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी कर्मियों को नियमानुसार वेतन दिया जाएगा।

मानसून में जलजमाव नगर निगम क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या है। बैठक में बताया गया कि 51 चिन्हित स्थलों पर बारिश होते ही पानी भर जाता है। नगर निगम के पास फिलहाल केवल 17 पम्प सेट और 1 चालक है, जो अपर्याप्त है। ऐसे में जल्द से जल्द निजी एजेंसियों को सूचीबद्ध कर जल निकासी का काम सौंपने का निर्णय लिया गया। निगम कर्मियों को नियमानुसार वेतन देने का निर्णय