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सीतामढ़ी में मदरसा डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन के तहत मदरसा शिक्षक-कर्मी 17 सितंबर से पटना में अनिश्चितकालीन धरना देने जा रहे हैं।

सीतामढ़ी। मदरसा डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन बिहार के तत्वावधान में विभिन्न लंबित मांगों को लेकर मदरसा शिक्षक- कर्मियों का 17 सितंबर से पटना में आयोजित अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन की तैयारी पूरी कर ली गई है।

जिले से दर्जनों मदरसा शिक्षक-कर्मी धरना प्रदर्शन में भाग लेने मंगलवार को पटना के लिए प्रस्थान किया। मदरसा डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन के अभिभावक अब्दुल कुद्दूस ने कहा कि बिहार के अनुदानित मदरसों में कार्यरत नियोजित शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों को विद्यालय के शिक्षकों की तरह वेतनमान और सुविधाएं मिलनी चाहिए, लेकिन लंबे समय से वे इससे वंचित हैं।

उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से कुछ अवसरों पर वेतन वृद्धि और ईपीएफ की सुविधा दी गई, लेकिन पत्रांक-1530, 11 अगस्त 2015 के बाद से विद्यालय के शिक्षकों को जो लाभ मिला, वह मदरसा शिक्षकों को नहीं दिया गया। यहां तक कि नियमित मदरसा शिक्षकों का वार्षिक वेतनवृद्धि भी एक अप्रैल 2013 से बंद कर दिया गया है।

उन्होंने पूर्व में ही चेतावनी दी थी कि न्याय न मिलने से निराश होकर 17 सितंबर से पूरे बिहार के मदरसे को बंद कर शिक्षक गर्दनीबाग, पटना में अनिश्चितकालीन धरना देंगे। इसी तैयारी कर ली गई है। एमडीओ के महासचिव सैयद फतह अहमद उर्फ महताब ने सरकार से मांग रखी कि मदरसा नियमावली 2022 में संशोधन कर राज्य के सभी अनुदानित मदरसों को अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा दिया जाए।

साथ ही, विद्यालय शिक्षकों की तरह वेतनमान, वार्षिक वेतनवृद्धि, चिकित्सा व आवास भत्ता और पेंशन की सुविधा मदरसा शिक्षकों को भी दी जाए। संगठन के समन्वयक मो. सफी अंसारी, प्रदेश प्रवक्ता मो. मनाजेरुल इस्लाम आदि ने लंबित 1637 मदरसों को जल्द प्रस्वीकृति देने व 1128 श्रेणी के मदरसों में हाफिज व विज्ञान शिक्षकों की वेतन विसंगति को दूर करने की मांग सरकार से की है।