Mon. Aug 4th, 2025

गर्मी व उमस के बीच दूर दराज से मरीज बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचते है। लेकिन यहा की कु व्यवस्था व डॉक्टरों की लेट लतीफी से उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सदर अस्पताल की ओपीडी सुबह नौ बजे से शुरू होता है। मरीज इलाज के लिए आठ से साढ़े आठ के बीच अस्पताल पहुंच जाते हैं कि जल्द से जल्द चिकित्सक से दिखाकर घर लौट जाए। लेकिन पूर्जा कटने के बावजूद उन्हें चिकित्सक से दिखाने के लिए घंटो अस्पताल के ओपीडी रूप के बाहर फर्श पर बैठक इंतजार करना पड़ता है। क्योंकि चिकित्सक ही नहीं पहुंचे रहते है।

गुरुवार को भी सदर अस्पताल के ओपीडी का कुछ यही हाल रहा। अधिकांश चिकित्सक का कमरा खाली था। चिकित्सक आए ही नहीं थे, जिस वजह से मरीज कमरे के बाहर बैठकर इंतजार करते रहे। सुबह नौ बजे से साढ़े 10 बजे तक इंतजार के बाद कई मरीज लौटकर निजी अस्पताल व क्लिनिक की ओर अपना रूख किए। कुछ पैसे की बचत को लेकर वहीं पर डटे रहे। सुबह 10:30 तक ओपीडी में एक डॉक्टर नहीं गार्ड और महिला कर्मियों से जब पूछताछ की गयी तो उन्होंने बताया कि अभी तक कोई डॉक्टर नहीं आये हैं। मरीज का कहना था कि अक्सर इस तरह का मामला ओपीडी में होता रहता है।

शहर के राजोपट्टी मुहल्ले से इलाज कराने आयी अमीरी राम और शबाना खातून ने बताया कि वह हड्डी की समस्या को लेकर सदर अस्पताल पहुंचे। पूर्जा कटाने के 10:30 बज गए, लेकिन ओपीडी वार्ड 96 और 98 विभाग के डॉक्टर नहीं आये हैं।

चिकित्सकों की मनमानी से मरीज परेशान:सोनबरसा थाने के मड़पा कचोरी गांव निवासी फकीरा शाह मेडिसिन विभाग में इलाज के लिए पहुंचे। डॉक्टर उपस्थित नहीं थे। मरीज और उनके परिजनों ने बताया कि ओपीडी में ड्यूटी करने वाले डॉक्टरों की मनमानी से लोग परेशान हैं। अस्पताल प्रबंधक को भी शिकायत की। लेकिन उनका भी इस ओर कोई ध्यान नहीं है। डॉक्टर निर्धारित समय के बाद आते हैं और समय होने से पूर्व ही चले जाते हैं, चाहे मरीज लाइन में ही क्यों न लगे रहे।

सदर अस्पताल के डीएस से ओपीडी में देरी से पहुंचने वाले चिकित्सकों के संबंध में पूछताछ की जाएगी। साथ ही ऐसे चिकित्सकों की सूची मांगकर उनपर स्पीष्टीकरण किया जाएगा। उनसे पूछा जायेगा कि वह ड्यूटी में रहने के बावजूद भी क्यों समय से अस्पताल नहीं पहुंचे। उनके जवाब के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। – डॉ. अखिलेश कुमार, सीएस।