सीतामढ़ी। आपार कार्ड यानी ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (Automated Permanent Academic Account Registry) से बच्चों को लैस करना है। सीतामढ़ी जिले में ये कार्यवाही धीमे चल रही है। लाखों बच्चे इससे वंचित हैं। अब शिक्षा विभाग एक्शन लेने की तैयारी कर रहा है। सरकारी और निजी स्कूलों पर प्रशासन का डंडा चलने वाला है।
सीतामढ़ी। शिक्षा विभाग की सख्त हिदायत के बाद भी सरकारी और निजी स्कूल के शिक्षक बच्चों के ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (Automated Permanent Academic Account Registry) को लेकर गंभीर नहीं है। विभाग के निर्देश पर शिक्षा विभाग के अधिकारी अब लापरवाह शिक्षकों पर कार्रवाई का डंडा चलाने के लिए मूड बना रहे हैं। गौरतलब है कि लंबे समय से विभाग सभी नामांकित बच्चों का अपार आईडी जेनरेट कराने को कह रहा है, अन्यथा कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी देता रहा है। फिर भी नामांकित बच्चों में से 50 फीसदी का भी अपार आईडी जेनरेट नहीं हो पाया है।
सुविधाओं से वंचित होंगे बच्चे
सीतामढ़ी जिले के स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों में से अब तक 03 लाख 42 हजार बच्चे अपार आईडी से वंचित हैं। इन वंचित बच्चों का अपार आईडी जेनरेट नहीं हुआ, तो ये मुख्य रूप से छात्रवृत्ति, पुस्तकालय/संग्रहालयों में प्रवेश, भविष्य की उच्च शिक्षा, डिजिटल शैक्षिक मार्कशीट और सर्टिफिकेट आसानी से एक्सेस करने जैसी कई सुविधाओं से वंचित हो सकते हैं। इस संभावित क्षति को जानते हुए भी सैकड़ों विद्यालयों के प्रधान शिक्षक हाथ पर हाथ रख बैठे हुए हैं। अब ऐसे प्रधान शिक्षक के खिलाफ विभाग एक्शन की तैयारी में है शिक्षा विभाग।
बच्चों का डिजिटल पासबुक
यह अपार आईडी छात्रों की पहचान ही नहीं है, बल्कि उनके शैक्षणिक यात्रा का एक डिजिटल पासबुक भी है, जो नई शिक्षा नीति के तहत अनिवार्य है। यानी जो भी बच्चे अध्ययनरत हैं, उन सबों का अपार आईडी बनाया जाना है। जिले के स्कूलों में 6,63,347 बच्चे नामांकित है। इनमें से मात्र 3,21,159 बच्चों का ही अपार आईडी जेनरेट किया गया है। इसमें 2460 बच्चों का अपार आईडी फेल है, जबकि 3,39,692 बच्चों का अप्लाई किया हुआ है। आईडी जेनरेट की उपलब्धि काफी काम होने को डीपीओ प्रियदर्शी सौरभ ने गंभीरता से लिया है।
निजी स्कूल वाले पीछे
डीपीओ ने सभी सरकारी एवं निजी स्कूल के प्रधान शिक्षकों को कहा है कि सभी छात्र-छात्राओं के लिए अपार आईडी अनिवार्य है। अपर मुख्य सचिव ने उक्त आईडी के निर्माण कार्यों की प्रगति पर विस्तृत चर्चा की है और कहा है कि विद्यालय में अध्ययनरत सभी बच्चों का अपार आईडी निर्माण कार्य पूर्ण कराना सुनिश्चित करें। शत प्रतिशत उपलब्धि नहीं होने की स्थिति में संबंधित के विरुद्ध बाध्य होकर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। निजी स्कूलों के 89,302 छात्र छात्राओं के विरुद्ध मात्र 20,073 का अपार आइडी जेनरेट किया गया है, जबकि 69,028 छात्र-छात्रा वंचित है। उन्होंने निजी स्कूलों के संचालक/प्राचार्य को निर्देश जारी कर कहा है कि भारत सरकार के सतत समीक्षा में इस पर खेद व्यक्त किया गया है।