बिहार में 10 लाख से अधिक लोग कोरोना का टीका नहीं लेंगे। स्वास्थ्य विभाग की ओर से हाल ही में घर-घर कराए गए सर्वे में ऐसे लोगों ने तीन अलग-अलग प्रमुख कारणों से टीका लेने से इनकार किया है। यह सर्वे टीका से वंचित लोगों की पहचान करने के लिए 17 से 19 अक्टूबर के बीच छह करोड़ से अधिक लोगों के बीच किया गया। राज्य सरकार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने टीकाकरण अभियान के तहत अबतक टीका से वंचित लोगों की पहचान को लेकर सर्वेक्षण कराया है। यह सर्वेक्षण अभियान चलाकर किया गया। इसके तहत लोगों से बातचीत कर टीकाकरण को लेकर जानकारियां जुटाई गईं। इसमें राज्य के 10 लाख 06 हजार 860 व्यक्तियों ने कोरोना टीका लेने से इनकार किया। यह कुल सर्वेक्षित व्यक्तियों का 1.6 फीसदी है। 

विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार कोरोना टीका को लेकर आमलोगों में जहां उत्साह है, वहीं भ्रम की स्थिति भी बनी हुई है। यही कारण है कि कई लोग टीका लेने से इंकार कर रहे हैं। पटना निवासी वासुदेव प्रसाद (बदला हुआ नाम) की जर्मनी व चीन में फैक्ट्री है, लेकिन वे टीका नहीं लेना चाहते हैं। वह पहले से जो टीके लगाए जा रहे हैं, उसे नहीं लेना चाहते हैं। वह कहते हैं कि कोई नया टीका आए तो लेने पर विचार करेंगे। वे कई तरह के तर्क भी देते हैं कि फलां टीका का डीएनए के आधार पर शोध किया गया है, इसलिए वे इसे नहीं लेना चाहते। वहीं, कई अशिक्षित व धार्मिक प्रवृत्ति के लोगों ने भी टीका लेने से इनकार किया है।

1.08 लाख सर्वेयरों ने घर-घर किया सर्वेक्षण 

स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में घर-घर 18 वर्ष से अधिक उम्र के 6 करोड़ 13 लाख 58 हजार 716 लोगों से संपर्क किया। सर्वेक्षण टीम में 1 लाख 12 हजार 262 सर्वेयरों की तैनाती की गयी। इनमें आशा कार्यकर्ता, जीविका दीदी व अन्य कर्मी शामिल थे। इनमें से 1 लाख 08 हजार 829 सर्वेयरों यानी करीब 96.9 फीसदी ने अपनी रिपोर्ट दी। सर्वेक्षण के दौरान मतदाता सूची के अनुसार टोलावार आमलोगों के घरों में संपर्क किया गया और उसकी सूची तैयार की गयी।

आमलोगों से विभिन्न प्रश्नों के माध्यम से जवाब एकत्र किए गए। घर-घर सर्वेक्षण के दौरान पाया गया कि 72 लाख 08 हजार 473 व्यक्ति दूसरे प्रदेशों में रोजी-रोजगार, शिक्षा, इलाज अथवा अन्य कारणों से गए हुए हैं। वे अपने घरों से दूर दूसरे प्रदेशों में स्थायी या अस्थायी रूप से निवास कर रहे हैं। जबकि 36 लाख 79 हजार 069 व्यक्ति अपने-अपने घरों से बाहर पाए गए। ये कुल सर्वेक्षण का करीब 6 फीसदी हैं। वहीं, 17 लाख 66 हजार 836 लोगों के मतदाता सूची के आधार पर छानबीन में मृत होने की सूचना मिली जो कि कुल सर्वेक्षण का करीब 2.9 फीसदी है। 

35.53 लाख लोग टीका लेने को तैयार 

सर्वेक्षण के अनुसार राज्य में 35 लाख 53 हजार 188 लोगों ने कोरोना टीका लेने की इच्छा जताई। कहा कि उन्हें टीका उपलब्ध कराया जाए तो वे इसे अवश्य लेंगे। ऐसे सभी लोगों ने घरों के आसपास टीका लेने की सुविधा उपलब्ध कराने की आवश्यकता जतायी। 

टीका नहीं लेने के तीन प्रमुख कारण:- 

पहला कारण: असुरक्षा की भावना 

पहले से किसी गंभीर बीमारी वाले लोगों को डर है कि अगर उन्होंने टीका लिया तो यह और बढ जाएगी। इनमें व्यवसायी व शिक्षित वर्ग के लोग भी शामिल हैं। बहुत सारे प्रश्न ये करते हैं। इनके बीच टीका को लेकर कई तरह की भ्रांतियां हैं। 

दूसरा कारण: डर, भय व धार्मिक पूर्वाग्रह

कई लोग इन कारणों से भी कोरोना टीका लेने से इनकार कर रहे है। ऐसे लोग यह भी कहते हैं कि डॉक्टर अगर लिख कर दें तो वह टीका ले सकते हैं।

तीसरा कारण: पहचान पत्र की कमी 

कई लोगों के पास संबंधित पहचान पत्र नहीं है। टीका के लिए इसे बनवाने के चक्कर में वे नहीं पड़ना चाहते हैं। 

पटना एनएमसीएच के कोरोना नोडल ऑफिसर डॉ. अजय सिन्हा ने कहा, ‘कई बार टीका लेने को लेकर शिक्षित व अशिक्षित दोनों तरह के लोग भ्रम में रहते हैं। यह भ्रम उनमें असुरक्षा व भय इत्यादि कारणों से होता है और वे टीका लेने से इंकार कर देते हैं। ऐसे लोगों को स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा जागरूक करने की जरूरत है।’  

बिहार में कोरोना टीकाकरण 

अबतक कुल टीके की खुराकें दी गईं — 6,51,60,565
पहली खुराक – 4,87,31,087
दूसरी खुराक- 1,64,29,478