राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने विधान परिषद में कहा है कि नर्स के 8900 पदों पर बहाली पूरी हो चली है. दस हजार पदों को भरने की तैयारी है. इस साल (2022) राज्यभर में नर्स केे 20 हजार पदों पर बहाली (Sarkari Naukri) होगी. तीन साल में विभिन्न कोटि के करीब 30 हजार पद भरे जायेंगे. स्टेट कैंस इंस्टीट्यूट के लिये 272 पदों का सृजन किया गया है. स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाना एक चुनौती है. 1952 से 2005 तक की सरकारों ने नीतीश सरकार के 17 साल जितना काम किया होता तो बिहार की तस्वीर कुछ और होती. स्वास्थ्य मंत्री शुक्रवार को सदन में विभागीय बजट 2022-23 पर वाद- विवाद के बाद सरकार की ओर से उत्तर दे रहे थे. इसके साथ ही परिषद में ध्वनिमत से स्वास्थ्य विभाग का 16101 करोड़ का बजट पारित हो गया

जनरल मेडिकल आफिसर के मात्र 220 पद ही रिक्त

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि जनरल मेडिकल आफिसर के मात्र 220 पद ही रिक्त हैं. स्पेशलिस्ट के रिक्त तीन हजार पदों में निश्चेतना विशेषज्ञ (एनेस्थेटिस्ट) के एक हजार पद खाली हैं. इनको भी जल्दी भर लिया जायेगा. स्वास्थ्य योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के लिये बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना निगम लि. के क्षेत्रीय कार्यालयों का विस्तार जिला स्तर पर किया जा रहा है. सरकार आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी- पीएमजेएवाई) के अंतर्गत आयुष्मान कार्ड से वंचित सभी राशन कार्डधारी परिवारों के लोगों का उपचार करायेगी. इस योजना के लाभ अगले महीने से 85 लाख परिवारों के 4.25 करोड़ लोगों को पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज की सुविधा मुहैया होगी.

स्वास्थ्य रोड मैप पर सरकार कर रही काम

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार पांच साल के स्वास्थ्य रोड मैप पर काम कर रही है. सरकार एक साल में एक व्यक्ति की दवा पर 35 रुपये खर्च कर रही है. इसका सालाना बजट 400 करोड़ रुपये है. दवा आपूर्ति प्रबंधन में नये प्रयोग किये गये हैं. डाक विभाग के सहयोग से डाक के जरिए दवाओं की आपूर्ति होगी. ग्रामीण क्षेत्रों में 20 और शहरी क्षेत्र में 15 मिनट के अंदर एंबुलेंस सेवा देने के लिये एक हजार एंबुलेंस की खरीद होगी. वर्तमान में संचालित 1150 एबंलेस की तरह ही इनका संचालन करने का ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया गया है. 534 प्रखंडों में लाइफ सपोर्ट सिस्टम के साथ- साथ एक – एक एबंलेस दी जायेगी.

पहले चरण में हाइवे पर दस ट्रामा सेंटर बनेंगे

मंगल पांडेय ने बताया कि सरकार सभी अस्पताल में इलेक्ट्रानिक हेल्थ रिकार्ड रूम बना रही है. खून आदि पैथोलाजी की जांच के लिये किसी को परेशानी न इसके लिये मुख्यमंत्री सात निश्चय भाग दो में पीपीपी मोड के तहत गांवों तक पैथोलाजी जांच की सुविधा को जांच केंद्र स्थापित होंगे. हाइवे पर सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों को तत्काल मदद देने के लिए ट्रामा सेंटर बनेंगे. पहले चरण में दस ट्रामा सेंटर स्थापित होगे. कैंसर , एड्स आदि गंभीर रोगों के मरीजों के इलाज की समुचित व्यवस्था के लिए आधारभूत संरचनाओं का निर्माण का विस्तर ब्यौरा भी पेश किया.

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