उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में मजहब के बंधन को तोड़ मोहब्बत को मुकम्मल अंजाम तक पहुंचाने वाले दो अलग-अलग धर्मों के एक कपल की प्रेम कहानी की चर्चा खूब हो रही है. मोमिन खातून नाम की मुस्लिम लड़की ने हिंदू धर्म अपनाकर सूरज नाम के अपने प्रेमी से मंदिर में शादी रचा ली. हिंदू धर्म अपनाने के बाद मोमिन अब मीना बन गई हैं. ये दोनों पिछले दो साल से एक-दूसरे से प्यार करते थे.

बताया जा रहा है कि मोमिन का जन्म भले ही मुस्लिम परिवार में हुआ, मगर उन्हें बचपन से ही इस्लाम धर्म कबूल नहीं था. वह काफी समय से हिंदू धर्म अपनाना चाहती थीं, मगर ऐसा संयोग मिला था अयोध्या के राम मंदिर में.

मोमिन खातून अपने परिवार वालों से भी हिंदू धर्म अपनाने की कई बार गुहार लगा चुकी थीं. हिंदू धर्म के प्रति उनका लगाव काफी समय पहले से था. यही वजह है कि मोमिन हिंदू धर्म से आने वाले सूरज के प्यार में खिंची चली आईं. भले ही शादी के दौरान मोमिन ने हिंदू धर्म अपनाया हो, मगर असल में सनातन धर्म में उनकी एंट्री दो साल पहले ही हो गई थी, जब वह सूरज के साथ अयोध्या में रामलला के दर्शन करने पहुंचीं थीं. बताया जाता है कि राम मंदिर में दर्शन करने गईं मोमिन ने दो साल पहले ही इस्लाम धर्म छोड़ सनातन धर्म अपना लिया था.

रामलला के दर्शन के बाद मंदिर परिसर में ही मोमिन खातून ने अपना नाम बदलकर मीना रख लिया था. इतना ही नहीं, नामकरण के साथ ही मुस्लिम से हिंदू बनीं मीना ने अपनी मांगों में पहली बार अपने प्रेमी सूरज के नाम का सिंदूर भरा था. उसी दौरान मोमिन यानी मीना ने सूरज के साथ जीने-मरने की कसम खा ली थी. बता दें कि मोमिन हैदरपुर खास गांव की रहने वाली हैं, जबकि सूरज अतरौलिया इलाके के खानपुर फतेह गांव के रहने वाले हैं.

प्यार के बीच धर्म आने की वजह से इन दोनों को काफी लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी. दो साल के संघर्ष के बाद आखिरकार इस प्रेमी जोड़े को जीत मिली और दोनों परिवार की मर्जी से सूरज और मोम‍िन ने 11 जुलाई यानी गुरुवार को अतरौलिया के सम्मो माता मंदिर परिसर में ह‍िंदू रीति-र‍िवाज के अनुसार शादी रचा ली. इस शादी से पहले मुस्‍ल‍िम युवती ने ह‍िंदू धर्म अपनाकर अपने प्रेमी सूरज के गले में वरमाला डाली और साथ जीने मरने की कसमें खाईं. इस प्रेमी जोड़े को मंदिर में परिजनों व गणमान्य लोगों ने खुशमय जीवन का आर्शीवाद दिया गया.