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बिहार में शराबबंदी संशोधन कानून का लाभ जेल में पहले से बंद शराबियों को भी मिलेगा। पहली बार शराब पीने के जुर्म में जेल में बंद अभियुक्त भी अब जेल से रिहा हो जाएंगे। जिन अभियुक्तों की 30 दिन की मियाद पूरी हो गई होगी वह तो जेल से बाहर आएंगे ही, इसके अलावा हाल में पकड़े गए शराबी जिनकी 30 दिन की मियाद पूरी नहीं हुई है वह भी दो हजार से पांच हजार तक का जुर्माना भरकर रिहा हो सकेंगे। यही नहीं, उनके ऊपर चल रहा केस भी बंद कर दिया जाएगा।

अदालतों में कम होंगे मुकदमे, जेलों में घटेगी भीड़ 

शराब पीने के मामले में जेल गए लोगों को अपना केस खत्‍म करने के लिए कार्यपालक दंडाधिकारी के समक्ष समर्पण प्रपत्र दाखिल करना होगा। शराबबंदी संशोधन कानून की नियमावली में यह प्रविधान किया गया है। इस फैसले से राज्‍य की अदालतों पर मुकदमों का बोझ तो कम होगा ही, जेलों में भी भीड़ घटेगी। मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग, बिहार के अपर मुख्‍य सचिव केके पाठक ने कहा कि शराब पीने के आरोप में जेल में बंद पुराने आरोपित भी नई नियमावली के तहत जुर्माना देकर छूट सकेंगे। उनका केस भी बंद होगा।

नई नियमावली की गजट अध‍िसूचना हो गई जारी

कैबिनेट की स्वीकृति के बाद मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने मंगलवार को गजट अधिसूचना जारी कर दी है। शराबबंदी के लिए बने विशेष न्यायालय के द्वारा कार्यपालक दंडाधिकारियों को शराबबंदी के लंबित मामलों का केस ट्रांसफर करते ही यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

जुर्माना देकर वाहन-परिसर को करा सकेंगे मुक्त

नई नियमावली की गजट अध‍िसूचना हो गई जारी 

कैबिनेट की स्वीकृति के बाद मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने मंगलवार को गजट अधिसूचना जारी कर दी है। शराबबंदी के लिए बने विशेष न्यायालय के द्वारा कार्यपालक दंडाधिकारियों को शराबबंदी के लंबित मामलों का केस ट्रांसफर करते ही यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 

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