नूपुर शर्मा का समर्थन करने पर चाकू मारे जाने की घटना में पीड़ित अंकित झा के भाई ने एफआईआर दर्ज से पहले 3 बार आवेदन बदलवाने का आरोप लगाया है। अंकित के भाई आशीष ने मंगलवार को कहा कि घटना के बाद नानपुर पुलिस ने एफआईआर के लिए उसका आवेदन तीन बार बदलवाया।

आवेदन में नूपुर शर्मा का जिक्र हटाने के बाद ही आवेदन स्वीकार कर एफआईआर दर्ज की गई। आशीष ने एफआईआर में यह भी कहा कि चाकू से वार करने के बाद हमला करने वाले युवकों ने धार्मिक नारे भी लगाए।

दरभंगा के निजी अस्पताल में भर्ती अंकित से पूछताछ करने 16 जुलाई की शाम पहुंची दरभंगा की लहरियासराय पुलिस को उसने फर्द बयान दर्ज कराया था, जिसमें उसने कहा था कि उसे नूपुर शर्मा का समर्थन करने के कारण चाकू मारा गया। अंकित ने मंगलवार को भी अपना बयान दोहराते हुए कहा कि मेरे साथ जो हुआ, वही बताया है।

अंकित के भाई आशीष ने भी आरोप लगाया था कि पुलिस ने दबाब देकर आवेदन शर्मा हटवा दी थी। इन सबके बीच सीतामढ़ी पुलिस सवालों के कटघरे में है। सवाल उठ रहा है कि पुलिस ने अंकित के बयान के लिए इंतज़ार क्यों नहीं किया जबकि 16 जुलाई को दरभंगा में अंकित का बयान व नानपुर में एफआईआर दर्ज की गई।

जख़्मी अंकित का मीडिया में दिए बयान और एफआईआर में नामजद की बात कई सवाल खड़े कर रहा है। दूसरी ओर घटनास्थल पर उसका भाई मौजूद नहीं था तो उसने एफआईआर के लिए दिए आवेदन में चारों आरोपित को नामजद कैसे बना दिया ? इन सभी बातों से पुलिस सवालों के कटघरे में आ गई है।

अंकित झा को चाकू मारकर जख्मी करने के मामले में नूपुर शर्मा का नया प्रकरण जुड़ने के बाद एसपी ने रातों रात में थानेदार की पोस्टिंग कर दी है। एसपी के निर्देश पर सहियारा थानाध्यक्ष राकेश रंजन झा ने मंगलवार की सुबह नानपुर थाने पहुंचकर की विधि-व्यवस्था की कमान को संभाल लिया है।

वहीं, सीतामढ़ी के एसपी हर किशोर राय ने कहा कि अंकित के भाई के लिखित आवेदन पर एफआईआर दर्ज की गई है। ऐसे में किसी तरह का दबाव देकर नूपुर शर्मा वाली बात हटाने का कोई कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि पुलिस को प्रारंभिक सूचना यही मिली थी शिवालय के पास चाकूबाजी हुई है। दो आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।

Input : Hindustan.