सीतामढ़ी में एक युवक को नूपुर शर्मा का वीडियो देखना काफी महंगा पड़ गया। घटना 15 जुलाई के साम 5.30 बजे की है। जब 20 वर्षीय अंकित झा नानपुर थाना क्षेत्र के बहेरा जाहिदपुर गांव के बाजार स्थित पान की दुकान पर अपने दोस्तों के साथ मोबाइल पर नूपुर शर्मा का वीडियो देख रहा था।

अंकित झा के बयान के मुताबिक, उसका यह वीडियो देखना कुछ युवकों को नागवार लगा। पान दुकान पर ही खड़े तीन युवकों को उस पर गुस्सा आ गया और वो अंकित के चेहरे पर सिगरेट का धुआं फेंकने लगे। विरोध करने पर दोनों के बीच मुक्केबाजी भी हुई।

अंकित ने मीडियाकर्मियों को बताया कि इसका विरोध किया तो तीनों युवकों ने ताबड़तोड़ उस पर चाकुओं से वार करना शुरू कर दिया। छह वार चाकू से वार किया गया। बावजूद दो आरोपियों को अंकित पकड़ लिया। लेकिन उक्त पंचायत के सरपंच और अन्य 25-30 लोगो ने उसे भगा दिया। चाकू लगने से जख्मी अंकित मदद के लिए चिल्लाता रहा, लेकिन कोई उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया।

खून से लथपथ अंकित को इलाज के लिए स्थानीय पीएचसी में भर्ती कराया गया है जहां उसकी नाजुक स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों ने उसे दरभंगा रेफर कर दिया। अंकित दरभंगा के एक निजी अस्पताल के आईसीयू मे जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहा है।

सूत्रों के मुताबिक, गांव के ही विजय कुमार ने बताया कि तीन बार एफआइआर के लिए आवेदन लिखा। तीनों बार पुलिस आवेदन को चेंज कर दिया। विजय ने कहा कि स्थानीय डीएसपी और थानाध्यक्ष के द्वारा नूपुर शर्मा का नाम हटाने के लिए काफी दवाब बनाया गया। पुलिस ने कहा कि नाम नहीं हटाओगे तो केस भी दर्ज नहीं होगा।

घटना के बाद चार दिन से अंकित और उसका पूरा परिवार दहशत के साये में जी रहा है। इस बीच, अंकित के कई रिश्तेदार किसी अनहोनी की आशंका से गांव छोड़ कर चले गए हैं। इस संबंध में पुलिस कप्तान हर किशोर राय ने कहा कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई। सभी आपस में दोस्त थे और पान को दुकान पर नशा कर रहे थे। एफआईआर से किसी का भी नाम हटाने का आरोप गलत है।

सूत्रों के मुताबिक, पुलिस नूपुर शर्मा के प्रकरण को दर्ज ही नहीं करना चाहती है। मामले में दो युवक, मो. निहाल और बिलाल को गिरफ्तार कर लिया गया है। लेकिन इन्हें धारा 307 के तहत न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। पान दुकान पर हुए इस घटना का वीडियो भी सामने आया है। इसमें कुछ लोगों के द्वारा आरोपियों पकड़ कर रखा गया था लेकिन कुछ लोग उसे आकर भगा दिए।

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