वायु प्रदूषण को लेकर राजधानी में डीजल व पेट्रोल से चलने वाले आटो सहित नगर सेवा की बसें आज से नहीं चलेंगी। प्रशासन इसके लिए वाहन चालकों को पहले ही निर्देश जारी कर चुका है। ऐसे वाहन एक अप्रैल से यदि सड़कों पर चलते मिले तो उनपर कार्रवाई की जाएगी। उधर इससे आटो चालकों में खलबली है। आटो संघ ने सरकार के इस निर्णय का विरोध किया है। संघों ने डीजल व पेट्रोल से चलने वाले वाहन को सीएनजी में बदलने के लिए और समय देने की मांग की है। ऐसा नहीं करने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा की है।

प्रदूषण के कारण सरकार का निर्णय

दरअसल प्रदूषण के स्तर को कम करने केे लिए सरकार ने डीजल व पेट्रोल से चलने वाले आटो सहित बसों के संचालन पर प्रतिबंध की घोषणा की है। काफी आटो व वाहनों को सीएनजी में बदल दिया गया है। बावजूद इसके वर्तमान में पटना में 20 हजार से ज्यादा आटो डीजल व पेट्रोल से चल रहे हैं। वहीं, डीजल से चलने वाली 130 नगर सेवा और पथ परिवहन की 130 बसें भी राजधानी में सड़कों पर दौड़ रही है। इनपर एक अप्रैल से कार्रवाई शुरू की जाएगी।

विरोध में आटो संघ करेगा हड़ताल

पटना जिला आटो रिक्शा चालक संघ के अध्यक्ष चून्नू व कार्यकारी अध्यक्ष देवेंद्र तिवारी ने बताया कि सरकार की यह कार्रवाई सीधे तौर पर गरीब आटो चालकों के खिलाफ है। डीजल से चलने वाले आटो को सीएनजी में बदलने के लिए सरकार को आगामी तीन महीने तक अनुदान योजना को लागू रखना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर संघ हड़ताल पर जाने को विवश होगा। आल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट फेडरेशन बिहार के महासचिव राजकुमार झा एवं आटो रिक्शा चालक संघ के अध्यक्ष पप्पू यादव के मुताबिक पटना में 70 प्रतिशत आटो को सीएनजी में परिवर्तित कर लिया गया है। 30 प्रतिशत आटो  ही अब बच गए हैं। आटो मेन्स यूनियन, बिहार ने सरकार से आटो चालकों के साथ सख्ती से नहीं बल्कि सहानुभूति से पेश आने का आग्रह किया है। 

नियम की अवहेलना की तो होगी कड़ी कार्रवाई

जिला परिवहन अधिकारी श्रीप्रकाश का कहना है कि एक अप्रैल से सिर्फ सीएनजी आटो का परिचालन पटना में किया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा डीजल व पट्रोल से चल रहे आटो व बसों के लिए काफी अनुदान दिया गया है। नियम की अवहेलना कर ऐसे वाहन सड़कों पर चलते पाए जाने पर चालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।