राष्ट्रपति चुनाव से पहले विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को लेकर बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि समर्थन मांगने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने सिन्हा का फोन नहीं रिसीव किया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का समर्थन नहीं मिलने से वो हैरान हैं. ओडिशा के सीएम ने द्रौपदी मुर्मू (draupadi murmuको इसलिए समर्थन दिया, क्योंकि वो ओडिशा से हैं. इसी तरह सिन्हा की जड़ें बिहार से जुड़ी हुई हैं.

नीतीश ने बात करना सही नहीं समझा: सिन्हा

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में नीतीश कुमार के साथ मंत्रिमंडल में रहे सिन्हा ने कहा, ‘जब विपक्षी दलों ने मुझे अपना साझा उम्मीदवार बनाने का निर्णय लिया, तो कई राज्यों में फोन के जरिए संपर्क साधने के क्रम में बिहार के मुख्यमंत्री को भी कई बार संदेश भिजवाया कि मैं उनसे बात करना चाहता हूं, पर शायद ‘स्टेटस’ की तुलना में इतना नीचे था कि उन्होंने मुझसे बात करना उचित नहीं समझा.’

मीडिया से बात करते हुए कही ये बात

सिन्हा 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए प्रचार करने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे. इस मौके पर बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, बॉलीवुड अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के करीबी सुधींद्र कुलकर्णी भी मौजूद थे.

ओडिशा का दिया उदाहरण

सिन्हा ने कहा कि अगर नीतीश कुमार से उनकी बात हुई होती, तो वह यही कहते कि उन्हें बिहार के बारे में सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार से उम्मीदवार होने के बावजूद वह मेरे समर्थन में आगे नहीं आ रहे हैं, यह मेरी समझ में नहीं आ रहा है क्योंकि जिस दिन द्रौपदी मुर्मू के नाम की घोषणा गई, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी उसी दिन घोषणा कर दी कि चूंकि वह ओडिशा की बेटी हैं, इसलिए वह उनका समर्थन करेंगे.

बिहार का बेटा हो सकता है शीर्ष पद पर आसीन

उन्होंने कहा कि इसके पहले भी प्रतिभा पाटिल के उम्मीदवार बनने पर शिवसेना ने पंक्ति तोड़ते हुए उनके समर्थन की घोषणा कर दी थी. सिन्हा ने कहा, ‘ये बिहार के लिए अच्छा होगा अगर 60 साल के अंतराल के बाद मिट्टी का एक और बेटा शीर्ष पद पर आसीन हो, जो डॉ. राजेंद्र प्रसाद के पास था. उन्होंने कहा, ‘यह वो शहर है, जहां मेरा जन्म हुआ, मैंने अपनी शिक्षा प्राप्त की, पटना विश्वविद्यालय में पढ़ाया और बिहार काडर के आईएएस अधिकारी के रूप में मैंने सेवा दी.’