बिहार में नगर निकाय चुनाव को लेकर पटना हाईकोर्ट के फैसले के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने पहले दो चरण के चुनाव को स्थगित कर दिया है. 10 और 20 अक्टूबर को होने वाला नगर निकाय चुनाव तत्काल प्रभाव से स्थगित किया गया है. इसके लिए दूसरी तारीख बाद में जारी की जाएगी लेकिन इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा एक बड़ा फैसला लिया गया है.

बिहार सरकार पटना हाईकोर्ट के फैसले सी डब्ल्यू जे सी संख्या 12514/ 2022 के पारित आदेश के खिलाफ माननीय सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर करेगी. बिहार सरकार के अर्बन डेवलपमेंट हाउसिंग डिपार्टमेंट द्वारा इस बात की जानकारी ट्वीट कर दी गई है . दरअसल पटना हाईकोर्ट के फैसले के बाद राज्य निर्वाचन आयोग के अफसरों ने 8 घंटे तक बैठक की और इसके बाद पहले दो चरण के चुनाव को स्थगित करने का फैसला लिया था.

मंगलवार को पटना हाईकोर्ट ने कहा था कि अति पिछड़ा वर्ग के लिए 20% आरक्षित सीटों को जनरल कर फिर से नोटिफिकेशन जारी किया जाये. इसके अलावा राज्य निर्वाचन आयोग से हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर वह मतदान की तारीख को आगे बढ़ाना चाहे तो बढ़ा सकता है.

पटना हाईकोर्ट के फैसले के बाद राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की तारीख आगे बढ़ाने का फैसला ले लिया गया है और इसी कारण पहले दो चरणों का चुनाव स्थगित किया गया है. नगर पालिका चुनाव में बगैर ट्रिपल टेस्ट के पिछड़ा वर्ग को बिहार सरकार द्वारा आरक्षण दिया गया था और इसे चुनौती देते हुए सुनील कुमार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर की गई थी.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की थी और गुरुवार को इस मामले पर आखिरी सुनवाई हुई थी. मंगलवार को इस पर फैसला सुना दिया गया. पटना हाईकोर्ट ने माना है कि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बगैर ही निर्देश को नजरअंदाज करते हुए ट्रिपल टेस्ट के बी सी को आरक्षण दे दिया .

राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन किए बिना ही चुनाव कराया जा रहा था इसको लेकर आए हो आयोग को हाईकोर्ट की तरफ से फटकार भी लगी है. हाईकोर्ट के इस फैसले को लेकर बिहार की राजनीति भी गरमा गई है. सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों एक दूसरे पर अति पिछड़ों को छलने का आरोप लगा रहा है.

INPUT : NEWS 18