मुजफ्फरपुर के सरैया में जहरीली शराब की आशंका पर छह मौत के बाद उत्पाद विभाग व पुलिस की विशेष टीमों ने रूपौली व आसपास के गांवों में ताबड़तोड़ छापेमारी की। रूपौली गांव से टीम ने शराब की खाली बोतलें, रैपर व पंचिंग मशीन बरामद की। रैपर अंग्रेजी शराब की एक ब्रांडेड कंपनी के नाम की थी। प्रारंभिक छानबीन में टीम ने आशंका जताई है कि रूपौली और इसके आसपास में अंग्रेजी शराब की बोतल में जहरीली शराब भरी जा रही थी, जो पंचायत चुनाव के दौरान व इसके बाद समर्थकों के बीच परोसी गई और शराब पार्टी भी हुई।

उत्पाद टीम को आशंका है कि सरैया और इससे सटे वैशाली जिले के सीमावर्ती इलाकों में ही शराब की पैकिंग की गई। इसके बाद इसे रूपौली आदि इलाकों में खपाया गया। सरैया के रेवा और वैशाली से सटे गंडक नदी के किनारे शराब माफिया कच्ची स्प्रिट का इस्तेमाल कर अंग्रेजी शराब तैयार करते हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अविनाश ने ही शराब की व्यवस्था की थी। उसने कोल्हुआ पंचायत के एक दुकानदार से शराब ली थी। आशंका जताई जा रही है कि उसी दुकानदार ने शराब की खेप मंगाई थी। हालांकि, घटना के बाद से उक्त दुकानदार फरार है। पुलिस उसकी गुरुवार की देर रात से तलाश कर रही है।

वार्ड सदस्य की जीत की खुशी में शराब पार्टी का हुआ आयोजन

उत्पाद सूत्रों की मानें तो मीनापुर के टेंगरारी में मृत मिले धीरेश कुमार सिंह उर्फ गोल्टू ने वार्ड सदस्य अमित कुमार बिट्टू की जीत की खुशी में शराब पार्टी अरेंज की थी। इसमें शामिल मुन्ना सिंह व अवनीश सिंह की गुरुवार रात मौत हो गई थी। शुक्रवार सुबह विपुल शाही ने दम तोड़ दिया। गोलटू मीनापुर के टेंगराहीं में मृत मिला। विकास मित्र अविनाश कुमार राम ने गुरुवार को शराब पी थी। शुक्रवार को उसकी भी मौत हो गई। पार्टी में ही सबकी तबीयत खराब होने लगी। इसके बाद सभी अस्पताल भागे। गोल्टू जान बचाने व पुलिस केस से बचने के लिए टेंगरारी के लिए निकल गया, लेकिन उसकी भी स्थिति खराब थी। पुलिस वहां पहुंच गई और वह घर से भाग निकला। गोरिगामा में सड़क किनारे मृत मिला। मीनापुर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या की धारा में एफआईआर दर्ज की है। इसकी पुष्टि डीएसपी ईस्ट मनोज पांडेय ने की है। 

राशन डीलर ने मंगाई थी शराब

सरैया पुलिस को सूचना मिली कि कोल्हुआ पंचायत के एक डीलर ने भी शराब की खेप मंगवाई थी। इस आधार पर शुक्रवार की अहले सुबह पुलिस टीम ने छापेमारी की। उसे पूछताछ के लिए हिरासत में थाने लाया गया। इसबीच उसकी मां की मौत हो गई। इसके बाद पुलिस ने दोपहर में उसे पीआर बॉन्ड पर छोड़ दिया। हालांकि, वह पुलिस की जांच की जद में है। आशंका यह भी जताई जा रही है कि दुकानदार वही है, जिसके माध्यम से अविनाश ने शराब अरेंज की थी। चर्चा यह भी है कि वह शराब का अवैध धंधा करता भी है।


इस साल 16 ने गंवाई जान, माफिया बेखौफ

मुजफ्फरपुर में हर दिन शराब की खेप बेरोकटोक आ रही है। स्थानीय स्तर पर भी शराब बनाई जाती है। देसी से लेकर विदेशी शराब स्थानीय इलाकों में बनाकर पैकेजिंग कर बेची जा रही है। इस साल कटरा, मनियारी, सकरा और सरैया में जहरीली शराब का मामला सामने आ चुका है। 16 लोगों की जान जा चुकी है। शराब माफिया मौत बांट रहे हैं और जिले का सरकारी तंत्र सोया है।

18 फरवरी को कटरा के दरगाह डीह टोला व 27 फरवरी को मनियारी के सुस्ता में 10 लोगों की जान चली गई। शवों की बिसरा रिपोर्ट आ गई है। क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला ने रिपोर्ट भेज दी है। इसमें मिथाइल अल्कोहल होने की बात है। डीएसपी ईस्ट मनोज पांडेय ने बताया कि रिपोर्ट कोर्ट को भेजी जाती है। कोर्ट में सुनवाई के बाद ही आईओ को दी जाती है।

आखिर मौतों का जिम्मेदार कौन?

रिटायर आईपीएस अधिकारी प्रमोद कुमार तिवारी ने खुफिया तंत्र पर सवाल उठाए हैं। कहा कि पुलिस के अलावा उत्पाद विभाग भी सक्रिय है, जिसे सिर्फ शराब से संबंधित मामलों को ही देखना है। इसके बावजूद जहरीली शराब के मामले आ रहे हैं। आखिर इन मौत काजिम्मेदार कौन है?