सीतामढ़ी में एक कोर्ट में लिपिक द्वारा परिवादी को धमकी देने का मामला सामने आया है। धमकी देकर रून्नीसैदपुर अंचल के लिपिक चंद्रप्रकाश कुमार बुरी तरह फंस गये हैं। यह धमकी प्रशासनिक रूप से उन्हें महंगा पड़ सकता है।

खास बात यह कि उक्त कर्मी द्वारा कोर्ट में अधिकारी की मौजूदगी में खुलेआम परिवादी को धमकी दी गई। कर्मी द्वारा धमकी दिया गया कि ‘बाहर आओ- देख लेंगे’। अधिकारी की मौजूदगी में किसी कर्मी के द्वारा इस तरह की धमकी देना शायद पहला मामला है।

पीजीआरओ सदर के प्रभार में फिलहाल एसडीसी कुमारी रंजना भारती है। गत दिन रून्नीसैदपुर अंचल के भरथी गांव निवासी दिग्विजय कुमार अपने वाद के बारे में जानकारी के लिए पीजीआरओ रंजना भारती से मिलने उनके कार्यालय में आये थे। इतेफाक से सीओ के प्रतिनिधि लिपिक चंद्रप्रकाश कुमार भी मौजूद थे।

इस दौरान परिवादी एवं सीओ के प्रतिनिधि के बीच बहस होने लगी। लिपिक द्वारा परिवादी को यहां तक कहा गया कि ‘बाहर आओ – देख लेंगे’। यह धमकी पीजीआरओ की मौजूदगी में दिया गया। इसको लेकर पीजीआरओ द्वारा उक्त लिपिक के खिलाफ डीएम को रिपोर्ट की गई है।

पीजीआरओ भारती द्वारा डीएम को बताया गया है कि कर्मी के इस व्यवहार से कोर्ट के अस्तित्व पर असर पड़ता है। कोर्ट की इस प्रकार अवहेलना करना परिवादियों पर बुरा प्रभाव डालता है। लिखा है कि कोर्ट में उक्त लिपिक द्वारा किसी परिवादी से बहस करना एवं कोर्ट की अवहेलना करने का यह पहला नहीं है।

डीएम को लिखा है कि इससे पूर्व भी लिपिक चंद्रप्रकाश कुमार द्वारा कई परिवादियों से बहस की जा चुकी है। पीजीआरओ ने कोर्ट के शांतिपूर्ण संचालन के लिए इस मामले में ठोस कार्रवाई करने की अनुशंसा की है।

बताया गया है कि रुन्नीसैदपुर अंचल के भरथी गांव के दिग्विजय कुमार ने पीजीआरओ के यहां वाद दायर कर स्थानीय सीओ पर गंभीर आरोप लगाया था। साथ ही कहा था कि राजस्व कर्मचारी मधुबाला कुमारी खुद काम नहीं करती है, बल्कि उनका पुत्र सभी सरकारी काम करता है और कागजातों पर हस्ताक्षर भी करता है। इसी वाद के सिलसिले में अद्यतन स्थिति जानने के लिए परिवादी पहुंचा था, जो उसकी बहस लिपिक से हुई और उसे देख लेने की धमकी दी गई थी।

Input : Navbharat Times