बिहार की राजधानी पटना से एक बड़ी खबर सामने आई है. एक नाबालिग से दुष्‍कर्म के मामले में पॉक्‍सो की विशेष अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है. अदालत ने बिजली विभाग के एक इंजीनियर और पीड़िता की मौसी को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है. कोर्ट ने नाबालिग से दुष्‍कर्म के मामले में बिहार बिजली विभाग के इंजीनियर को उम्र कैद की सजा सुनाई है. वहीं, बलात्‍कार पीड़िता की मौसी को 20 साल जेल की सजा सुनाई गई है. दोषी करार पीड़िता की मौसी पर बच्‍ची को बहला-फुसला कर इंजीनियर के आवास पर काम करने के लिए भेजने का आरोप था. कोर्ट ने तेजी से सुनवाई करते हुए मामले का काफी कम समय में निपटारा कर दिया है.

जानकारी के अनुसार, पटना के बिजली विभाग के एक इंजीनियर को नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म करने के आरोप में न्यायालय द्वारा उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. इस मामले में पीड़िता की मौसी को भी 20 साल तक जेल में रहना होगा. ढाई साल पुराने इस मामले में पटना की पॉक्सो अदालत द्वारा यह फैसला सुनाया गया है. दोषी राजू कुमार बिजली विभाग में सहायक इंजीनियर के पद पर तैनात था. अदालत द्वारा दोषी इंजीनियर पर 1.10 लाख रुपये और महिला पर 10 हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

पीड़िता को मुआवजा राशि
अदालत ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव को बिहार सरकार से मुआवजे के तौर पर साढ़े सात लाख पीड़िता को देने का भी आदेश दिया है. न्यायालय द्वारा मुआवजे और जुर्माने की कुल राशि पीड़िता को सौंपे जाने का निर्देश दिया गया है. इस मामले में जिस अभियंता को सजा मिली है, वह वैशाली जिले के हाजीपुर थाना क्षेत्र के पूर्वी इस्‍माइलपुर निवासी राजू कुमार है, जबकि मौसी का नाम सीमा देवी उर्फ आरती देवी है.

वर्ष 2019 की है घटना
विशेष लोक अभियोजक सुरेश चंद्र प्रसाद ने बताया कि यह घटना 2 नवंबर 2019 की है. इससे संबंधित केस पटना के महिला थाना में दर्ज हुआ था. नाबालिग की मौसी सीमा देवी उसे यह कह कर दानापुर ले आई थी कि सहायक विद्युत अभियंता राजू कुमार ने नया मकान किराए पर लिया है. उसमें सफाई करनी है. वहां जाने पर अभियंता ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया. घटना में नाबालिग की मौसी सीमा देवी की संलिप्तता भी स्पष्ट रूप से सामने आई है. साल 2019 में राजू कुमार दानापुर दीघा में विद्युत बोर्ड में सहायक अभियंता के पद पर कार्यरत था.