नए साल में बिहार के बिजली उपभोक्ताओं को महंगाई का सबसे तगड़ा करंट लग सकता है। जी हां, बिहार में बिजली दरों में इजाफा होना लगभग तय माना जा रहा है और खास बात यह है कि इस बार शहरी इलाके के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों के उपभोक्ताओं को भी महंगी बिजली की मार झेलनी पड़ सकती है। बिजली दरों में इजाफे के प्रस्ताव पर अब विद्युत विनियामक आयोग 20 जनवरी से सुनवाई शुरू करने जा रहा है। इस जनसुनवाई में कोई भी व्यक्ति अपना पक्ष आयोग के सामने रख सकता है।

बिजली कंपनी ने घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली कीमतों में 2.56 रुपए से लेकर 3.40 रुपए तक प्रतियूनिट वृद्धि का प्रस्ताव दिया है। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के घरेलू उपभोक्ताओं के फिक्स चार्ज में दोगुना और शहरी घरेलू उपभोक्ताओं के फिक्स चार्ज में ढाई गुना इजाफे का प्रस्ताव है। इस प्रस्ताव पर 20 जनवरी से जनसुनवाई शुरू हो रही है। 20 को बाल्मिकीनगर, 24 को कैमूर, 27 को भागलपुर, 1 फरवरी को अरवल, 10 को पूर्णिया और 17 पटना में आयोग जनसुनवाई करेगा। इस दौरान आयोग के अध्यक्ष और सदस्य उपभोक्ताओं के पक्ष के साथ साउथ बिहार और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के अधिकारियों का पक्ष सुनेंगे। उपभोक्ताओं और बिजली कंपनी का पक्ष सुनने के बाद फैसला रिजर्व होगा। इस मार्च तक अपना फैसला आयोग सुनाएगा। यह फैसला 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक लागू होगा।

आपको बता दें कि सरकार बिजली उपभोक्ताओं को तय कीमतों पर पहले से सब्सिडी देती आई है। इस बार भी सब्सिडी तो लागू रहेगी लेकिन फिक्स डिस्चार्ज में बड़ा इजाफा देखने को मिल सकता है। शहरी व्यवसायिक कनेक्शन के लिए 180 रुपए से लेकर 400 रुपए तक का फिक्स्ड चार्ज बढ़ाने का प्रस्ताव है। फिलहाल 152 यूनिट बिजली खर्च करने पर 100 रुपए फिक्स्ड चार्ज देना पड़ता है नई दर लागू होने के बाद फिर से चार्ज बढ़कर 250 रुपए हो जाएगा।