बिहार के वैशाली (Vaishali) जिले में सरकारी अस्पताल (Government Hospital) में महिला डॉक्टर के साथ छेड़छाड़ (Eve Teasing) का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. पीड़ित महिला चिकित्सक द्वारा थाने में भगवानपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी (Medical Officer) के खिलाफ केस दर्ज कराने से हड़कंप मच गया है. आनन-फानन में मामले की जांच शुरू कर दी गई है. सिविल सर्जन (Civil Surgeon) द्वारा एसीएमओ के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया है. जांच करने वैशाली पीएचसी (PHC) पहुंची टीम ने पीड़ित महिला चिकित्सक रानी सिंह का बयान बंद कमरे में लिया. वहीं, आरोपी चिकित्सक रूपेश कुमार जांच टीम के सामने नहीं आए. उनसे जब संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.

वैशाली पीएचसी की महिला चिकित्सक रानी सिंह ने 29 जनवरी को वैशाली थाना में भगवानपुर पीएचसी में तैनात प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी रूपेश कुमार के विरुद्ध केस दर्ज करवाया था जिसमें उन्होंने रूपेश कुमार पर शराब के नशे में छेड़छाड़ और दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है. पीड़िता के परिजनों ने बताया कि यह घटना 22 जनवरी की है, मगर छह दिन तक वैशाली पीएचसी की प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और अन्य लोगों के द्वारा कार्रवाई का आश्वासन देकर मामले को दबाने का प्रयास किया गया. लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो इस संबंध में 29 जनवरी को केस दर्ज करवाया गया.

वहीं, पीड़िता ने अपने लिए न्याय की मांग करते हुए कहा कि जब अस्पताल में महिला चिकित्सक सुरक्षित नहीं होंगी तो वो मरीजों और जरूरतमंदों का इलाज कैसे करेंगी.

जांच टीम का नेतृत्व कर रहे एसीएमओ ने बताया कि सभी पहलुओं की जांच की जा रही है. साथ ही अस्पताल में लगे सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की जा रही है. मामला चाहे जो हो लेकिन सवाल यह है कि आरोपी चिकित्सक इतनी दूर दूसरे पीएचसी में क्यों गए.