बिहार में आज से सभी तरह के प्लास्टिक कैरी बैग की बिक्री और इसके उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया. प्रतिबंध लगाने का फैसला पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने किया है.

इस फैसले के मुताबिक, बिहार में सिंगल यूज प्लास्टिक शीट, कैरी बैग, पैकेजिंग सामग्री, थर्मोकोल और इससे उत्पादित कप प्लेट, गिलास, कांटा, चम्मच, कटोरी की बिक्री और इसका उपयोग किसी भी हाल में नहीं किया जा सकता.

बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के मुताबिक, केंद्र और राज्य सरकार के निर्देश पर सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रदेश में आज से प्रतिबंध लागू कर दिया गया है. इसके लिए 6 महीने से जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा था.

अब समूचे प्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक के सीधे उपयोग के साथ-साथ पैकेजिंग में भी उसका उपयोग प्रतिबंधित कर दिया गया है.

पकड़े जाने पर आमलोगों को 500 से लेकर 2000 और औद्योगिक स्तर पर इस्तेमाल पर 20 हजार से लेकर 1 लाख रुपए तक जुर्माना या फिर 5 साल की जेल या दोनों सजाएं एक साथ दी जा सकती हैं.

बिहार राज्य पर्यावरण प्रदूषण परिषद के अध्यक्ष के मुताबिक, नए नियम के अनुसार प्लास्टिक के झंडों की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.

इसके साथ ही पानी का पाउच और पैकेट भी अब नहीं बेचे जा सकेंगे. इसके उपयोग भंडारण आदि सभी पर रोक लगा दी गई है.

प्लास्टिक के कैरी बैग, थर्मोकोल के कप-प्लेट, ईयर बर्ड गुब्बारा, स्टिक, फ्लैग, प्लास्टिक ग्लास, चाकू, मिठाई के लिए प्लास्टिक का डब्बा, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट पैकेट 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक और पीवीसी बैनर पर प्रतिबंध जारी रहेगा.

बिहार राज्य नियंत्रण पर्षद ने स्पष्ट कर दिया है कि वैसे उत्पाद जो प्लास्टिक की पैकेजिंग से बनाई गई हैं या जिससे प्लास्टिक का कंपोस्ट बनाया जा सकता है, उस पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया गया है.

हालांकि सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध इतना भी आसान नहीं है. यह प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है. पहले के अनुभव यही बताते रहे हैं.

घर से लेकर बाजार, कार्यालय चारों तरफ सिंगल यूज प्लास्टिक पर निर्भरता बढ़ गई है. अब यह आनेवाला समय बताएगा कि यह बैन व्यावहारिक रूप में कितना असरदार होगा.