पहली बार शराब के नशे में या पीते हुए पकड़े गये तो कम से कम 2000 तथा अधिकतम 5000 रुपये का जुर्माना लगेगा। अगर वह व्यक्ति जुर्माने की राशि नहीं दे सकेगा तो उनको 30 दिनों का कारावास होगा। दंड देकर छूट जाना अभियुक्त का अधिकार नहीं होगा।

अगर अभियुक्त पुलिस के साथ सहयोग नहीं करेंगा तो कार्यपालक दंडाधिकारी उसे अर्थदंड न लगाकर 30 दिनों का कारावास भी दे सकते हैं। दूसरी बार अगर पकड़े जाते हैं तो अर्थदंड नहीं लगाकर अनिवार्य रूप से एक साल के कारावास की सजा होगी। इसको लेकर बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद (संशोधन) नियमावली, 2022 की कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में 14 प्रस्तावों पर स्वीकृति दी गई। बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने कहा कि पटना उच्च न्यायालय से विभाग ने अनुरोध किया है कि द्वितीय श्रेणी के न्यायिक दंडाधिकारी का अधिकार कार्यपालक दंडाधिकारी को दिये जायें। उच्च न्यायलय से यह शक्ति प्रदान करने की अनुमति मिलने के बाद कार्यपालक दंडाधिकारी के द्वारा इसका कार्यान्वयन किया जा सकेगा।