बिहार विधानसभा में मंत्री जीवेश मिश्रा ने जिस तरह अधिकारियों के ऊपर आरोप लगाए. पटना के एसएसपी और डीएम के ऊपर खुद को अपमानित करने की बात कही. उसके बाद एनडीए के अंदर चल रही सियासी खींचतान खुलकर सामने आ गई है.

सरकार में शामिल बीजेपी कोटे के मंत्रियों की लगातार बेइज्जती हो रही है. पिछले दिनों मंत्री जनक राम के पीए के ऊपर शिकंजा कसा गया. लेकिन अधिकारियों के चहेते खनिज विभाग के पदाधिकारियों के ऊपर कोई एक्शन नहीं लिया गया. बीजेपी विधानमंडल दल की बैठक में यह मामला भी उठा था. बीजेपी के विधायकों और मंत्रियों ने आरोप लगाया था कि मेरी सरकार में अफसरशाही इस कदर हावी है कि जनप्रतिनिधियों का सम्मान नहीं हो रहा. इस मामले को बिहार के संगठन प्रभारी भिखूभाई दलसानिया और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल ने गंभीरता से लिया था.

अब नीतीश के सुशासन में अफसरशाही को लेकर बीजेपी आक्रामक मुद्रा में नजर आ रही है. यही वजह है कि आज विधानसभा में मंत्री जीवेश मिश्रा ने खुलकर अधिकारियों के ऊपर आरोप लगाए और उन पर तत्काल एक्शन की मांग कर डाली हालांकि सरकार एक्शन से अब तक के पीछे भाग रही है. इस मामले पर विधानसभा में आज हंगामा जारी रहा. भोजन अवकाश तक के हंगामे के बीच सीएजी की रिपोर्ट पेश की गई. हालांकि शून्य काल में विपक्ष और बीजेपी के विधायक तब जाकर शांत हुए जब स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने भोजन अवकाश के बाद बैठक बुलाने का भरोसा दिया.

1:15 पर विधानसभा अध्यक्ष ने इस मसले पर बैठक बुलाई है. विवेक मिश्रा पटना के डीएम और एसएसपी के ऊपर कार्रवाई की मांग को लेकर अड़े हुए हैं. ऐसे में अब देखना होगा सरकार क्या कदम उठाती है. हालांकि अभी से ही पुलिस के जवान को बलि का बकरा बनाए जाने की कोशिश शुरू हो गई है.
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