भारत अब हाईवे के नए युग में पहुंच चुका है. देश में करीब 63 लाख किलोमीटर रोड नेटवर्क है, जो दुनिया में दूसरे नंबर पर है. इसके साथ ही, प्रतिदिन नेशनल हाईवे के निर्माण का लक्ष्‍य 50 किलोमीटर रखा गया है, जिससे अधिक से अधिक नेशनल हाईवे का निर्माण हो सके. देशभर में मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी और अंतिम छोर तक पहुंच (लास्ट माइल कनेक्टिविटी) में सुधार लाने के उद्देश्य से “पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी)” के तहत महत्वपूर्ण प्रगति की है.

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार भारत में करीब 63 लाख किलोमीटर रोड नेटवर्क है. यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा नेटवर्क है. रोड इंफ्रास्ट्रक्चर भारतीय अर्थव्यवस्था ( Indian economy) के विकास में अहम भूमिका निभाता है.

केंद्र सरकार नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (National Infrastructure Pipeline) के जरिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में 111 लाख करोड़ रुपये का निवेश कर रही है. सरकार ने साल-दर-साल इंफ्रास्ट्रक्चर कैपेक्स ( infrastructure Capex ) को इस साल 34 फीसदी बढ़ाकर 5.54 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया है.

प्रतिदिन 50 किलोमीटर नेशनल हाईवे बनाने का लक्ष्‍य रखा गया  है. देश में नेशनल हाईवे निर्माण की गति 2020-21 में रिकार्ड 37 किलोमीटर प्रति दिन थी.  वर्तमान में भारत में परिवहन लागत 16 प्रतिशत, चीन और अमेरिका में 12-12 प्रतिशत और यूरोपीय देशों में 10 प्रतिशतरने का लक्ष्य बना रही है. उन्होंने उम्मीद जताई कि चालू वित्त वर्ष की निर्माण गति वर्ष 2020-21 की तुलना में अधिक होगी.