इस बार मकर संक्रांति का त्योहार 15 जनवरी को मनाया जायेगा. इस बार सूर्य 14 जनवरी की रात 2.53 बजेर मकर राशि में प्रवेश करेंगे. इससे पुण्य काल अगले दिन 15 जनवरी को होगा. आचार्य पं. अभिनय पाठक ने बताया कि 15 जनवरी को दोपहर 2.26 बजे तक चित्रा नक्षत्र रहेगा.

इसके बाद स्वाति नक्षत्र का आगमन हो जायेगा. मकर संक्रांति के बाद विवाह सहित अन्य शुभ कार्य शुरू हो जायेंगे. इस दिन चूरा- दही, तिलकुट और खिचड़ी खाने का विधान है. इस दिन सूर्य दक्षिणायण से उत्तरायण होते हैं. इसलिए इस पर्व को उत्तरायणी पर्व के रूप में भी जाना जाता है.

देश के विभिन्न प्रांतों में मकर संक्रांति पर्व को अलग-अलग नामों से मनाया जाता है. तमिलनाडु में इसे पोंगल के नाम से जाना जाता है. असम में इसे माघ बिहू, पंजाब व हरियाणा में लोहड़ी और यूपी में खिचड़ी पर्व के तौर पर मनाया जाता है. बिहार में मकर संक्रांति को तिल संक्रांति व खिचड़ी पर्व के नाम से मनाते हैं.

गीता में कहा गया है कि उत्तरायण का छह महीना देवता का दिन है और दक्षिणायण का छह महीना देवताओं के लिए रात्रि है. जो व्यक्ति उत्तरायण में शरीर का त्याग करता है, उसे कृष्ण के लोक में स्थान प्राप्त होता है, उसे मुक्ति मिल जाती है. जबकि, दक्षिणायन में शरीर त्यागने वाले को फिर जन्म लेना पड़ता है.

महाभारत काल में भीष्म पितामह, जिन्हें इच्छा मृत्यु का वरदान प्राप्त था, वाणों की शैय्या पर लेटे रहने के बावजूद उन्होंने दक्षिणायण में प्राण त्याग नहीं किया, बल्कि सूर्य के उत्तरायण में होने तक इंतजार करते रहे. मान्यता है कि मकर संक्रांति के पुण्य दिन जब सूर्य का उत्तरायण में प्रवेश हुआ, तब उन्होंने अपने शरीर का त्याग किया.

एक अन्य धार्मिक कथा के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण पुत्र के रूप में पाने के लिए माता यशोदा ने व्रत किया था. गंगावतरण की कथा भी मकर संक्रांति से संबंधित है. माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन ही गंगा भगीरथ मुनि के पीछे चलते हुए सागर में जा मिली थीं. मकर संक्रांति पर शहर में पतंगबाजी की भी परंपरा रही है.

चतुर्भुज स्थान चौक के समीप की दुकानों में मकर संक्रांति से एक दिन पूर्वयहां छात्रों से लेकर युवाओं तक की भीड़ लगती है. पतंग के साथ मांझा धागा और लटाई की बिक्री खूब होती है. खुले मैदान ओर छत पर लोग पतंगबाजी कर त्योहार को सेलीब्रेट करते हैं. इन दुकानों में अभी से पतंगों की विभिन्न वेराइटी रखी गयी है. कागज और प्लास्टिक के बने पतंग बच्चे खूब पसंद कर रहे हैं.

INPUT : PRABHAT KHABAR