शादी के 15 दिन बाद पति की मौत
एस पेचियाम्मल नाम की इस महिला के पति की मौत शादी के महज 15 दिन बाद ही हो गई। तब वह सिर्फ 20 साल की थीं। वह दोबारा शादी नहीं करना चाहती थीं। वह कटुनायक्कनपट्‌टी नाम के गांव से थीं, जहां का समाज पुरुष प्रधान था। कुछ समय बाद उन्होंने एक लड़की को जन्म दिया और गुजारे के लिए काम करना शुरू कर दिया।

काम मांगा तो लोगों ने प्रताड़ित किया
लेकिन गांव में पेचियाम्मल के लिए काम करना आसान नहीं था। वहां पर लोग उन्हें परेशान किया करते थे। अपनी बच्ची को पालने के लिए उन्होंने कंस्ट्रक्शन साइट्स, होटल, चाय की दुकानों समेत कई जगहों पर काम करके देखा लेकिन सभी जगह उत्पीड़न और ताने ही मिले।

यहीं से पेचियाम्मल ने तय किया कि वह पुरुष बनकर रहेंगी। उन्होंने तिरुचेंदुर मुरुगन मंदिर जाकर अपने केश दान किए और साड़ी की जगह शर्ट और लुंगी पहनना शुरू किया। पेचियाम्मल ने अपना नाम बदलकर मुथु कर लिया।

मीडिया को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि अपना नाम बदलने के बाद करीब 20 साल पहले वह कट्टुनायक्कनपट्‌टी गांव आकर बस गई। सिर्फ उनके करीबी रिश्तेदारों और बेटी को पता था कि वह एक औरत है। इस तरह 30 साल बीत गए। इसके बाद उन्होंने जहां भी काम किया, सब जगह उन्हें अन्नाची (पुरुषों के लिए संबोधन) कहकर बुलाया जाने लगा।

मुथु बनकर ही मरना चाहती हैं
उन्होंने बताया कि मैंने पेंटिंग करने, चाय बनाना, परांठा बनाना से लेकर 100 दिन मजदूरी करने जैसे कई तरीके के काम किए। इससे मिलने वाली पाई-पाई जोड़कर मैंने अपने और अपनी बेटी के लिए अच्छी जिंदगी बनाने की कोशिश की। कुछ समय बाद मुथु ही मेरी पहचान गई और आधार, वोटर आईडी और बैंक अकाउंट समेत मेरे सभी दस्तावेजों पर यही नाम लिखा है।

पेचियाम्मल की बेटी शणमुगासुंदरी की अब शादी हो चुकी है, लेकिन पेचियाम्मल अब भी पुरुष के तौर पर ही जिंदगी जीना चाहती हैं। उनका कहना है कि उनकी इस दूसरी पहचान ने उन्हें और उनकी बेटी को सुरक्षित रखा, इसलिए वे मरते दम तक मुथु ही बने रहना चाहते हैं।

सरकार से मांगी मदद
पेचियाम्मल अब मजदूरी करने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने एक साल पहले अपनी महिला पहचान पर मनरेगा जॉब कार्ड हासिल किया है। उनका कहना है कि मेरे पास न तो घर है और न कोई सेविंग। मैं विधवा सर्टिफिकेट के लिए भी अप्लाई नहीं कर सकती।

उन्होंने कहा कि मैं बूढ़ी हो गई हूं तो अब काम नहीं कर पाऊंगी। इसलिए सरकार से अपील है कि मुझे पैसों की सहायता करे। कलेक्टर डॉ के सेंथिल राज ने इस मामले में कहा है कि वे देखेंगे कि किसी सोशल वेलफेयर स्कीम के तहत पेचियाम्मल को कोई मदद की जा सकती है क्या।