नेपाल की राजधानाई काठमांडू में गोलगप्पे पर बेन लगा दिया गया है। इस फैसले के पीछे की वजह नेपाल में बढ़ रहे हैजा को बताया जा रहा है जिसने कई लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है। हैजा के मामलों को नियंत्रित करने के लिए नेपाल सरकार ने ये फैसला लिया है। स्थानीय प्रशासन के अनुसार, पानीपुरी के अलावा ऐसी अन्य चीजों पर भी बैन लगाया गया है जिससे हैजा फैलने का खतरा है। नेपाल में ये बैन भारत के लिए भी खतरे की घंटी है क्योंकि हर दिन नेपाल और भारत के बीच हजारों लोगों का आना-जाना होता है।

रोगियों

की संख्या पहुंची 12
काठमांडू में हैजा के अब तक 12 मामले सामने आ चुके हैं। स्थानीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, काठमांडू महानगर में हैजा के 5 और चंद्रगिरी नगर पालिका और बुधनिलकांठा नगर पालिका में एक-एक मामले सामने आए हैं। अब ये संख्या 12 तक पहुँच गई है। इन रोगियों का इलाज टेकू स्थित सुकरराज ट्रॉपिकल एंड इंफेक्शियस डिजीज हॉस्पिटल हो रहा है।

कैसे फैलता है हैजा?
हैजा कॉलरा बैक्टीरियम नाम के बैक्टीरिया से फैलता है जो गंदा पानी पीनी से फैलता है। हैजा से पीड़ित रोगी को डायरिया और डिहाइड्रैशन का सामना करना पड़ता है। इससे उसके शरीर में पानी की कमी होने लगती है और रोगी की हालत पस्त होने लगती है जिससे रोगी की जान पर बन आती है।

भारत के लिए खतरा कैसे?
बता दें कि भारत और नेपाल के बीच हर रोज हजारों की संख्या में लोगों का आना जाना होता है। ऐसे में नेपाल में फैल रही ये बीमारी भारत के लिए किसीब खतरे की घंटी से कम नहीं है। ये बीमारी तेजी से फैलती है ऐसे में भारत को सावधानी बरतने की आवश्यकता है।