अगर आपको बताया जाए कि बिहार में अब बिना जमीन और मिट्टी के खेती की जाएगी तो आप कहेंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है। ऐसा ही कुछ बिहार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के नेतृत्व में किया जा रहा है। दरअसल एयरोपोनिक्स विधि से अब बिहार में बिना मिट्टी के सिर्फ पानी में कुछ न्यूट्रिएंट्स के घोल मिलाकर खेती की जाएगी। यानी कि इस विधि में खेती के लिए जमीन की जरूरत नहीं है।

इसका शुभारंभ गुरुवार को किया गया। इस विधि में केवल पानी के जरिये जलवायु को नियंत्रित करके हरे चारे और सब्जियों की खेती आधुनिक तरीके की जाएगी। इसमें मिट्टी की भी जरूरत नहीं है। पौधों के लिए जरूरी पोषक तत्व पानी के माध्यम से ही दिए जाते हैं।

इस विधि से खेती के कई फायदे हैं। भूमिहीन किसान भी इस विधि से खेती कर सकते हैं। बीएयू के कुलपति डा. अरुण कुमार ने कहा कि भूमिहीन किसान भी इस विधि से खेती कर अपनी आमदनी बढ़ा पाएंगे। इसके पूर्व उन्होंने विश्वविद्यालय के प्रायोगिक प्रक्षेत्र में लगी फसलों का भी निरीक्षण किया। इस विधि से खेती करने में पानी की बचत होती है क्योंकि मिट्टी में पानी ज्यादा व्यय होता है।

बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में इस कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र के दौरान योजना के प्रभारी पदाधिकारी सस्य विज्ञान विभाग के सहायक प्राध्यापक डा. एसके गुप्ता ने हाइड्रोपोनिक्स विधि से हरे चारे की खेती के बारे में विस्तार से तकनीकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस विधि से किसान हरे चारे के रूप में मक्का, गेहूं, जई और जौ की खेती सहजता से कर पाएंगे।
इस तकनीक को पड़ोसी राज्यों झारखंड, यूपी और पश्चिम बंगाल के किसानों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा।