बिहार में छात्रों का भविष्य गढ़ने वाले सरकार द्वारा सीधे तौर पर नियंत्रित 13 विश्वविद्यालयों में से पटना यूनिवर्सिटी (पीयू) को छोड़कर सभी विश्वविद्यालयों का सत्र पीछे चल रहा है. राज्य में कई ऐसे विश्वविद्यालय है जिनका सत्र 5 से 24 महीने तक पीछे चल रहा है. हालांकि, पटना यूनिवर्सिटी का सत्र कोरोना की वजह से कुछ पीछे हुआ था, जबकि अन्य सभी विवि का सत्र महीनों पीछे चल रहा है. अलग – अलग विश्वविद्यालयों में लेट लतीफी के कारण लाखों छात्रों का भबिष्य अधर में लटका हुआ है. सत्र लेट होने के कारण डिग्री का इंतजार कर रहे छात्रों की मुश्किल बहुत बढ़ गयी है.

यूनिवर्सिटी के सत्र देर से चलने के कारण छात्र एक ही क्लास में सालों तक रह जाते है. विलंवित सत्र की वजह से लाखों छात्रों को कई अच्छे अवसर से वंचित रहना पड़ता है. जिस कारण से छात्र अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित है.

दो वर्ष का पीजी कोर्स, चार वर्ष में पूरा नहीं

पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय (पीपीयू) में यूजी का सत्र नियमित है, जबकि पीजी का सत्र काफी पीछे चल रहा है. अप्रैल में में बीएड फर्स्ट इयर सत्र (2020-22) की ही परीक्षा होनी है स्नातकोत्तर सत्र (2018-20) की फाइनल (चौथे) सेमेस्टर तथा पीजी थर्ड सेमेस्टर सत्र (2019-21) की परीक्षाएं भी अप्रैल में होना तय है. वह भी अभी शेड्यूल जारी नहीं हुआ है. मतलब सत्र दो वर्ष लेट है. यानी कि दो वर्ष का पीजी चार वर्ष में होगा.

कब होगी परीक्षाएं

हालांकि, आगे अभी मई, जून, जुलाई में लगातार परीक्षाएं ली जानी है, स्नातक पार्ट वन सत्र 2021-24 की परीक्षा 28 अप्रैल से होनी है. 2019-21 पीजी सेमेस्टर 4 की परीक्षा 4 जुलाई से होनी है. 2020-22 सत्र के सैकड़ सेमेस्टर की परीक्षा भी चार अप्रैल से शुरू होनी है. 2020-22 वर्ड सेमेस्टर की परीक्षा 4 जुलाई से शुरू होनी है. 2021-23 सत्र सेकेंड सेमेस्टर की परीक्षा 4 जुलाई से होनी है. पार्ट थर्ड स्नातक सत्र 2019-2022 की परीक्षाएं 5 मई से आयोजित की जायेगी. पार्ट टू की परीक्षा 20 मई से आयोजित होनी है. पीजी की परीक्षाएं 8 अप्रैल से शुरू हो जायेंगी.