एक अप्रैल, 2022 से संशोधित मद्य निषेध कानून लागू होने के बाद धारा 37 के तहत पहली बार शराब पीने पर जुर्माना देकर छूटे अभियुक्तों के घर पर मद्य निषेध विभाग के अधिकारी- कर्मी चेतावनी पोस्टर लगायेंगे. पोस्टर के माध्यम से उनको चेतावनी दी जायेगी कि अगर दूसरी बार उनको शराब पीकर पकड़ा गया तो एक साल की सजा मिलनी निश्चित है.

यही नहीं, संदेह होने पर ब्रेथ एनलाइजर से उनकी जांच भी की जायेगी. मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी जिलों के मद्य निषेध अधीक्षकों को इस संबंध में कार्रवाई का निर्देश दिया है.

50 हजार से अधिक लोग जुर्माना देकर छूटे
दरअसल एक अप्रैल 2022 से लागू संशोधित मद्य निषेध कानून में धारा 37 के तहत पहली बार शराब पीने के मामले में पकड़े गये अभियुक्त को शपथ पत्र व तीन से पांच हजार रुपये का जुर्माना देकर छोड़े जाने का प्रावधान किया गया है.

इस प्रावधान के तहत अब तक 50 हजार से अधिक लोग जुर्माना देकर छूट चुके हैं. लेकिन, विभाग को शिकायत मिल रही है कि इनमें कई लोग दोबारा भी शराब का सेवन कर रहे हैं. ऐसे में मद्य निषेध अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे रिकॉर्ड के हिसाब से सभी अभियुक्तों के घर जाकर उनको चेतावनी दें और उनके घर के बाहर पोस्टर चिपकायें.

सचेत रहने की दी जायेगी हिदायत
पोस्टर में लिखा गया है कि आप इस तारीख को पहली बार शराब पीने के आरोप में इतने रुपये जुर्माना देकर रिहा हुए हैं. अगर आप दूसरी बार पीते हुए पकड़े जाते हैं तो आपको एक वर्ष की सजा होनी निश्चित है.

अत: भविष्य में आपको सचेत रहने की हिदायत दी जाती है. आंकड़ों के मुताबिक मद्य निषेध और बिहार पुलिस ने अप्रैल में संशोधित कानून लागू होने के बाद 50 हजार से अधिक लोगों को पहली बार शराब पीने के आरोप में पकड़ा.

इनमें जून में 8651, जुलाई में 11557 और अगस्त माह में 18757 अभियुक्त पकड़े गये. इनमें से 388 लोग रिपीट ऑफेंडर के रूप में दूसरी बार शराब पीने के आरोप में भी पकड़े गये हैं, जिनमें से 58 लोगों को न्यायालय ने एक साल की सजा सुनायी है.

INPUT : PRABHAT KHABAR