बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने शनिवार को कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में राज्यभर में लगभग 301 लाख रुपये की लागत से निजी क्षेत्र के तालाबों का जीर्णोद्धार होगा. इस योजना स्वीकृत भी दे दी गई है. उन्होंने कहा कि राज्य में तालाब मात्स्यिकी के माध्यम से मत्स्य का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है. राज्य सरकार के विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन से लोगों के बीच जागृति बढ़़ी है, जिससे निजी क्षेत्र के तालाबों की संख्या उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है.

पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि बिहार में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों एवं अन्य कारणों से तालाबों में गाद भराव और बांध की क्षति से मत्स्य उत्पादकता एवं उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ता है. इसे ध्यान में रखते हुए वित्तीय वर्ष 2022-23 में लगभग 301 लाख रुपए की लागत से निजी क्षेत्र के तालाबों के जीर्णोद्धार योजना स्वीकृत की गई है।

मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय-2 के तहत मत्स्य पालन तकनीकों के प्रसार और मछली के उत्पादन को बढ़ाने के उद्देश्य से इस योजना को स्वीकृति प्रदान की गई है. इस योजना का उद्देश्य निजी क्षेत्र के ऐसे तालाबों, जिनमें जीर्णोद्धार की आवश्यकता होगी. उसमें उड़ाही के द्वारा तालाब के जल धारण क्षमता को बढ़ाना है, ताकि मत्स्य उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि हो सके.

वित्तीय वर्ष 2022-23 ने इस योजना के तहत 150 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले निजी तालाबों के जीर्णोद्धार का लक्ष्य रखा गया है. जिस पर 301 लाख रुपये अनुदान स्वरूप खर्च होंगे. उन्होंने बताया कि निजी तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए अन्य वर्गो को 30 प्रतिशत अनुदान तथा अति पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति को 40 प्रतिशत अनुदान देय होगा. अनुदान दो किस्तों में दिया जाएगा.