देश में IAS के अधिकारियों की कमी है, लेकिन बिहार में यह देश में सबसे ज्यादा है। IAS अधिकारियों की कमी का राष्ट्रीय औसत 22 फीसदी है, वहीं बिहार में यह औसत 43 फीसदी है। अधिकारियों की कमी के कारण राज्यों को कैडर पदों पर गैर-कैडर अधिकारियों की नियुक्ति करने की नौबत आ चुकी है।

बिहार में 359 में से 202 पद पर अफसर तैनात

बिहार में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के कुल स्वीकृत 359 पद है, जिसमें से 157 पद खली हैं। यानी 43% IAS अफसरों की कमी है। सिर्फ 202 पदों पर ही अधिकारी कार्यरत तैनात हैं। खाली पदों में एक दर्जन से अधिक IAS अधिकारियों को कई विभागों की जिम्मेदारी दी गई है। अभी बिहार में कार्यरत 202 अधिकारियों में मुख्य सचिव स्तर के 11 IAS तैनात है।

मंजूर IAS पोस्ट के हिसाब से (टॉप पांच राज्य)

उत्तर प्रदेश-788
बिहार- 416
राजस्थान- 383
तमिलनाडु- 368
महाराष्ट्र- 323

अफसरों की संख्या बड़ाई जाएगी

बिहार में IAS की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए संसद की एक स्थायी समिति ने कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग से सिफारिश भी की है कि वह IAS अधिकारियों की वार्षिक संख्या बढ़ाए। समिति ने सिविल सेवा परीक्षा से हर साल और अधिक IAS अधिकारियों की भर्ती हो सके, इसके लिए उपयुक्त समाधान खोजने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा। बिहार सरकार ने केंद्र से बिहार के लिए और अधिक IAS का कोटा निर्धारित करने का अनुरोध किया है। राज्य में बिप्रसे से IAS कैडर में प्रमोशन वाले 101 पद स्वीकृत हैं, जिसमें 70% खाली बचे हुए हैं।



देश में खाली IAS पोस्ट (टॉप पांच राज्य)

बिहार- 43%
त्रिपुरा- 40%
नागालैंड- 37%
केरल- 32%
झारखंड- 31%