सीतामढ़ी में माता सीता की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा की स्थापना होने जा रही है. 251 फीट ऊंची इस प्रतिमा की स्थापना के लिए जमीन का अधिग्रहण शुरू हो गया है. इस बात जानकारी सीतामढ़ी से सांसद सुनील कुमार पिंटू ने दी है.

दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में रामायण रिसर्च काउंसिल की ओर से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट, फग्गन सिंह कुलस्ते और एसपी सिंह बघेल शामिल हुए. उनके अलावा सांसद मनोज तिवारी, राजकुमारी दीया कुमारी समेत अन्य सांसद शामिल हुए.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि अयोध्या में भव्य श्री राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, तो वहीं रामायण रिसर्च काउंसिल की कोशिशों से माता सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी को तीर्थ और पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जा रहा है.

उनके अलावा मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते समेत अन्य मेहमानों ने रामायण रिसर्च काउंसिल की पूरी टीम की तारीफ की. इस मौके पर सांसद मनोज तिवारी ने रामायण रिसर्च काउंसिल के कामों में हर संभव मदद देने का भरोसा दिया. सांस्कृतिक राजधानी के रूप में होगी विकसित होगी.

पूर्व सांसद प्रभात झा ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि संस्था के प्रयासों से सीतामढ़ी देश की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में विकसित होगी. रामायण रिसर्च काउंसिल के महासचिव कुमार सुशांत ने बताया कि सीतामढ़ी में एक अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक भवन की स्थापित किया जाएगा.

काउंसिल की ओर से विभिन्न देशों के राजदूतों को इस स्थान पर भ्रमण कराया जाएगा एवं उनके देश से ज्यादा से ज्यादा पर्यटकों को यहां आने का आह्वान किया जाएगा. सीतामढ़ी में माता सीता की 251 फीट ऊंची प्रतिमा की स्थापना के लिए तैयारियां तेजी से चल रही है. इसकी स्थापना राघोपुर बखरी में की जाएगी.

काउंसिल की कोशिशों की वजह से अब तक इस काम के लिए 24.39 एकड़ जमीन का समझौता किया जा चुका है. सांसद सुनील कुमार पिंटू ने प्रदेश सरकार को इस काम में जमीन अधिग्रहण पर लगने वाले रजिस्ट्री शुल्क को माफ करने का प्रस्ताव भेजा है. इस प्रोजेक्ट के भूमिपूजन की तैयारियां तेजी से चल रही हैं.

INPUT : ZEE NEWS